शोभना शर्मा। कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस स्टूडेंट सुनील बैरवा की आत्महत्या के बाद कॉलेज परिसर में भारी हंगामा हुआ। स्टूडेंट्स और परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर संगीता सक्सेना ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की घोषणा की। हालांकि, छात्रों ने कमेटी के सदस्यों को लेकर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और घेराव
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स में आक्रोश देखने को मिला। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही और प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने प्राचार्य का घेराव कर उनके खिलाफ नारेबाजी की और कॉलेज परिसर में धरने पर बैठ गए। छात्रों की मुख्य मांग थी कि इस आत्महत्या के पीछे जिनका भी हाथ है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इसके अलावा, छात्रों ने कॉलेज में बेहतर माहौल बनाने और स्टूडेंट फ्रेंडली वातावरण तैयार करने के लिए ठोस कदम उठाने की भी मांग की।
जांच कमेटी गठित, लेकिन विवाद जारी
हंगामे के बाद कॉलेज प्राचार्य ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। हालांकि, छात्रों ने इस कमेटी को लेकर असंतोष जताया और इसमें मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट्स को भी शामिल करने की मांग की ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। इसके साथ ही, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की भी मांग की गई। घटना के मद्देनजर कॉलेज परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
मृतक छात्र का सुसाइड नोट
सुनील बैरवा कोटा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल नंबर तीन में रहता था। जब बुधवार को वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकला, तो उसके साथी छात्रों ने उसे खोजने की कोशिश की। जब उसके कमरे में जाकर देखा गया, तो वह फांसी के फंदे से लटका मिला। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें सुनील ने लिखा था कि वह अपने माता-पिता का सपना पूरा नहीं कर पा रहा है और इसलिए उनसे माफी मांग रहा है। इस नोट के मिलने के बाद मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है।