latest-newsअजमेरक्राइमराजस्थान

अजमेर: भूमाफिया की गोली से मजदूर की मौत, परिवार धरने पर

अजमेर: भूमाफिया की गोली से मजदूर की मौत, परिवार धरने पर

मनीषा शर्मा। अजमेर जिले के रूपनगढ़ में जमीनी विवाद के चलते एक निर्दोष मजदूर की मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब मजदूर शकील मोहम्मद अपने काम पर गया था। बताया जा रहा है कि फायरिंग में भूमाफिया शामिल थे, जिनका पहले से ही विवादित मामलों में नाम सामने आया था। शकील के परिवार ने इस त्रासदी के बाद हॉस्पिटल के बाहर धरना दे दिया और मुआवजे के साथ-साथ आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की।

मृतक की पत्नी आसमीन ने रोते हुए कहा कि उसका ‘हीरो चला गया’, जिसने अपने परिवार का सहारा बनकर वर्षों तक घर को संभाला था। अब चार छोटे बच्चों, जिनमें एक मूक-बधिर भी है, का भविष्य अनिश्चित हो गया है। आसमीन ने यह भी बताया कि उनके पति का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन वे बिना किसी दोष के मारे गए। परिवार ने मांग की कि जब तक उन्हें न्याय और मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे।

धरना स्थल पर एसडीएम पदमा देवी पहुंचीं और उन्होंने परिवार से बातचीत की। प्रशासन द्वारा लिखित रूप से आश्वासन देने के बाद परिवार ने पोस्टमार्टम करवाने पर सहमति जताई। अजमेर रेंज के डीआईजी ओमप्रकाश ने दो आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है, जिससे मामले में पुलिस का सख्त रुख दिखता है।

बलभाराम जाट का नाम आया सामने

इस मामले में पूर्व विधायक के बेटे भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी बलभाराम जाट का नाम भी सामने आया है। बलभाराम फिलहाल हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है, लेकिन जांच में यह खुलासा हुआ है कि उसने जेल से ही पीड़ित परिवार को धमकाया था। बलभाराम ने अपने भांजे के मोबाइल से पीड़ित को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने जमीन पर काम करना जारी रखा तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा। पुलिस अब इस मामले में बलभाराम की भूमिका की भी जांच कर रही है।

ठेकेदार नारायण की हालत गंभीर

इस फायरिंग में मजदूर शकील के अलावा ठेकेदार नारायण को भी गोली लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। गोली उसके जबड़े से होते हुए रीढ़ की हड्डी में फंस गई है। डॉक्टरों की टीम उसका ऑपरेशन कर रही है और जल्द ही गोली निकालने की कोशिश की जा रही है।

सरपंच ने पहले ही किया था अलर्ट

मौके पर मौजूद सरपंच इकबाल चिपा ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे के करीब ही उन्होंने पुलिस को माहौल बिगड़ने की आशंका जताई थी। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच भी की थी, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य लगने पर चली गई। करीब दो घंटे बाद अचानक से फायरिंग और पथराव शुरू हो गया, जिसमें मजदूर शकील की मौत हो गई और ठेकेदार नारायण गंभीर रूप से घायल हो गए।

परिवार की मांग

मृतक के चाचा मोहम्मद शफीक ने बताया कि शकील पिछले चार साल से रूपनगर में काम कर रहा था और इस घटना से उसका कोई संबंध नहीं था। परिवार ने सरकार से मुआवजे और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वे धरना जारी रखेंगे।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading