शोभना शर्मा। मेवाड़ राजघराने में धूणी दर्शन और एकलिंगजी मंदिर में दर्शन को लेकर उठा विवाद आखिरकार सौहार्दपूर्ण माहौल में सुलझ गया। दो दिनों तक चले तनाव के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूणी दर्शन और एकलिंगजी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस घटनाक्रम के बाद लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्रतिक्रिया दी और प्रशासन की भूमिका की सराहना की।
धूणी दर्शन के लिए दो दिन का संघर्ष
धूणी दर्शन को लेकर विश्वराज सिंह के समर्थक दो दिनों तक डटे रहे। उदयपुर सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर में दर्शन के लिए प्रशासनिक प्रयासों और संवाद ने मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा “यह छोटी सी बात थी। अगर शुरुआत में ही सब ठीक हो जाता, तो दो दिनों तक ऐसा माहौल नहीं बनता।”
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की प्रतिक्रिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि “डंडे और गुंडागर्दी की परंपरा नहीं चल सकती। कानून के दायरे में ही सभी चीजें व्यवस्थित तरीके से की जानी चाहिए।” उन्होंने प्रशासन और सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य को अंजाम दिया गया।
विश्वराज सिंह ने प्रशासन की सहमति का किया जिक्र
धूणी दर्शन के बाद, विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा “प्रशासन ने कहा था कि अंदर से कोई फोटो वायरल नहीं किया जाए, इसलिए धूणी दर्शन की कोई तस्वीर उपलब्ध नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह शुरुआत में ही सही तरीके से हो जाता, तो विवाद और हंगामे की आवश्यकता नहीं होती।
तनाव के बीच प्रशासन की भूमिका
धूणी दर्शन और एकलिंगजी मंदिर में प्रवेश के दौरान प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की। समर्थकों और दोनों पक्षों के बीच संवाद को प्राथमिकता दी। सभी गतिविधियों को कानूनी दायरे में रहकर आयोजित किया।
लक्ष्यराज सिंह का संदेश: “सभ्य समाज में गुंडागर्दी नहीं चलती”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि “सैकड़ों लोगों को लेकर जबरन प्रवेश करना सभ्य समाज का तरीका नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन ने सही दिशा में काम किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बातों और विचारों में कोई बदलाव नहीं आया है, और वे पहले से ही सौहार्दपूर्ण समाधान के पक्षधर थे।
प्रशासन के प्रयासों की सराहना
दोनों पक्षों ने प्रशासन की भूमिका की सराहना की। लक्ष्यराज सिंह ने विशेष रूप से यह कहा कि “सही प्रक्रिया और कानून के तहत ही सभी कार्य किए जाने चाहिए।” उदयपुर राजघराने में विवाद अब समाप्ति की ओर है। धूणी दर्शन और एकलिंगजी मंदिर में दर्शन के साथ मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया गया। दोनों पक्षों ने प्रशासन की भूमिका को सराहा और भविष्य में सौहार्दपूर्ण संवाद बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।