शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में इस समय फोन टैपिंग विवाद ने जोर पकड़ लिया है। भाजपा सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने खुद की जासूसी कराए जाने का आरोप लगाकर राजनीतिक भूचाल ला दिया है। यह मामला जैसे ही विधानसभा में उठा, कांग्रेस ने इसे एक बड़े मुद्दे की तरह भुनाना शुरू कर दिया। सदन में विपक्षी नेताओं ने जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस विवाद में कूद पड़े और सोशल मीडिया के जरिए सरकार को घेरने का प्रयास किया। लेकिन उनकी ही सरकार में OSD रहे लोकेश शर्मा ने गहलोत पर तंज कसते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया।
गहलोत ने सरकार को घेरा, कहा- यह गंभीर मामला
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फोन टैपिंग विवाद को लेकर एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के समय मैंने सदन के पटल पर कहा था कि किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक का टेलिफोन सर्विलांस पर नहीं लिया गया और न ही लिया जाएगा। परन्तु भाजपा सरकार पर अपने ही कैबिनेट मंत्री द्वारा फोन टैपिंग के आरोप लगाना भाजपा की सच्चाई उजागर करता है। यह मामला बहुत गंभीर प्रकृति का है, क्योंकि आरोप किसी विपक्षी नेता ने नहीं बल्कि सरकार के मंत्री ने लगाए हैं। इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। मुख्यमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए।” गहलोत का यह बयान आने के बाद भाजपा ने पलटवार किया, लेकिन सबसे तीखा जवाब किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही पूर्व OSD लोकेश शर्मा ने दिया।
लोकेश शर्मा का गहलोत पर तंज
अशोक गहलोत के इस बयान पर उनके ही पूर्व OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) लोकेश शर्मा ने तंज कसते हुए जवाब दिया, “आप सही कह रहे हैं। हो सकता है शायद उस समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा ने वार्तालापों की तीनों रिकॉर्डेड ऑडियो क्लिप्स मीडिया को भेजने और वायरल करने के लिए स्वयं ने आपको दी और आपने मुझे…!! आपने कभी किसी का कोई फोन टेप नहीं करवाया।” लोकेश शर्मा का यह बयान सीधे तौर पर गहलोत सरकार के दौरान हुए फोन टैपिंग विवाद की याद दिलाता है, जब राजस्थान में सियासी उठापटक के दौरान कांग्रेस विधायकों और नेताओं की कथित जासूसी करने के आरोप लगे थे।
सरकार का बचाव, विपक्ष के आरोप निराधार
राजस्थान सरकार ने फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज कर दिया है। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने इस मामले पर कहा, “ये पूरा मामला निराधार है। राजस्थान की वर्तमान सरकार में किसी मंत्री या विधायक का फ़ोन टेप नहीं हो रहा है। इस तरह के कृत्य पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय हुए थे, जब उनकी सरकार में डिप्टी सीएम और विधायकों के फ़ोन टेप किए गए थे। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। सरकार के विकास कार्यों से विपक्ष घबराया हुआ है। किरोड़ी लाल मीणा का वीडियो भी संदिग्ध है।” डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने भी सरकार का बचाव करते हुए कहा, “भाजपा के शासन में किसी की फोन टैपिंग नहीं हो रही है। विपक्ष इस मुद्दे को जबरन तूल देने की कोशिश कर रहा है।”
विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
इस मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस्तीफे की मांग की। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्षी विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन कांग्रेस विधायक लगातार वेल में आकर विरोध करते रहे।
अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हमने 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर इन नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन वे नहीं आए। विपक्ष सदन की गरिमा गिरा रहा है और बातचीत के लिए भी तैयार नहीं है।” संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार तीन बार बातचीत के लिए आगे आई, लेकिन विपक्ष अनावश्यक रूप से अनर्गल बातें कर रहा है और संसदीय परंपराओं का उल्लंघन कर रहा है।”