मनीषा शर्मा। राजस्थान में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी टकराव जारी है। अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के संकेत मिलने के बाद यह विवाद और गहरा गया है। वर्तमान भाजपा सरकार ने इन स्कूलों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। कांग्रेस इसे भाजपा का जनविरोधी कदम करार दे रही है।
इस विवाद ने तब और तूल पकड़ा जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए। इसके जवाब में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर 15 प्वाइंट में अपनी बात रखी।
मदन दिलावर के सवाल और डोटासरा के जवाब
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तीन सवाल पूछे:
- कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में क्या किया?
- इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हुई?
- इन स्कूलों के लिए जरूरी संसाधन क्यों नहीं दिए गए?
गोविंद सिंह डोटासरा ने इन सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए 15 प्वाइंट में अपना पक्ष रखा:
- कांग्रेस सरकार ने कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर उनका सपना साकार किया।
- राजस्थान के मॉडल को यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ ने अपनाया।
- कांग्रेस सरकार के दौरान 70374 नई भर्तियां निकाली गईं।
- कंप्यूटर टीचर, वाइस प्रिंसिपल और इंग्लिश टीचर समेत हजारों पद भरे गए।
- 2019 में 33 जिलों में स्कूलों का रूपांतरण किया गया।
- कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में 2200 से अधिक नए स्कूल खोले गए।
- 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हुए, जिनमें 7 लाख से अधिक नामांकन हुए।
- भारी मांग को देखते हुए एडमिशन सीमा बढ़ाकर अतिरिक्त सेक्शन संचालित किए गए।
- विधायकों और अधिकारियों के बच्चों ने भी इन स्कूलों में दाखिला लिया।
- हिंदी माध्यम में लौटने की सहूलियत के लिए अलग विंग का प्रावधान किया गया।
- बालिका विद्यालयों को रूपांतरित करने से पहले विशेष मानदंड अपनाए गए।
- अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के लिए दो अलग-अलग शिफ्ट का प्रावधान रखा गया।
- भाजपा सरकार के बंद किए 1500 से अधिक स्कूलों को कांग्रेस ने फिर से खोला।
- स्कूलों को मजबूत करने के लिए 2400 करोड़ रुपये और इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शिक्षा में सुधार का क्रांतिकारी कदम था।
भाजपा का पक्ष
राजस्थान भाजपा ने कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूल केवल दिखावे के लिए खोले गए थे।
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस ने स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की पर्याप्त नियुक्ति नहीं की।
बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के बजाय केवल वाहवाही लूटने के लिए स्कूल खोले गए।
भाजपा अब इन स्कूलों की समीक्षा करके शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देगी।
समीक्षा समिति और कांग्रेस का विरोध
भाजपा सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई है।
समिति में कोई शिक्षाविद या विशेषज्ञ नहीं होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस ने इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कदम करार दिया है।
गोविंद सिंह डोटासरा ने चेतावनी दी है कि यदि स्कूल बंद किए गए तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी।
कांग्रेस का दावा: शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव
कांग्रेस का दावा है कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का उद्देश्य कमजोर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना था।
यह स्कूल गरीब बच्चों के लिए निजी स्कूलों जैसी शिक्षा का विकल्प बने।
इन स्कूलों में भारी मांग और नामांकन ने जनता की स्वीकृति को साबित किया।
भाजपा सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ने का संकेत हो सकता है।
राजनीतिक टकराव जारी
राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है।
कांग्रेस सरकार के शुरू किए गए इन स्कूलों का बंद होना शिक्षा के भविष्य पर असर डाल सकता है।
भाजपा सरकार का दावा है कि वह शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए यह कदम उठा रही है।
कांग्रेस इसे जनता की भावनाओं के खिलाफ करार दे रही है।