शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में अकसर नेताओं के बीच नोक-झोंक देखने को मिलती है, लेकिन कुछ पल ऐसे भी होते हैं जब सियासत के धुर विरोधी नेता भी हंसी-ठिठोली में खो जाते हैं। ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया हाल ही में सिरोही रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और कांग्रेस विधायक मोतीराम कोली के बीच हंसी-मजाक का माहौल बन गया।
सिरोही दौरे पर मदन राठौड़
रविवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ एक दिवसीय दौरे के तहत सिरोही पहुंचे थे। रात को 9:45 बजे वे आबूरोड रेलवे स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली जाने के लिए पहुंचे। ट्रेन के इंतजार में वे रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे। इसी दौरान रेवदर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मोतीराम कोली भी रेलवे स्टेशन पहुंचे। जयपुर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे कोली को जैसे ही पता चला कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वेटिंग रूम में मौजूद हैं, वे उनसे मिलने पहुंच गए।
मिलते ही लगे ठहाके
मदन राठौड़ और मोतीराम कोली की मुलाकात होते ही माहौल हल्का-फुल्का हो गया। राठौड़ ने कोली की ओर इशारा करते हुए हंसी-मजाक के अंदाज में कहा, “यह बछड़ा हमारा ही था, जो खूंटा तोड़कर भाग गया।” फिर ठहाके लगाते हुए बोले, “भागा नहीं है, दूध पीकर वापस आएगा।” इस मजाक को सुनते ही वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच जोरदार ठहाके गूंज उठे।
कौन हैं मोतीराम कोली?
कांग्रेस विधायक मोतीराम कोली का राजनीति सफर भी कम दिलचस्प नहीं है। वे पहले संघ से जुड़े थे और 2003 तक बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे। 1995 में वे प्रधान चुने गए और लंबे समय तक पार्टी से जुड़े रहे। लेकिन 2003 में टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उस चुनाव में हार के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस में शामिल होने के बाद वे जिला परिषद सदस्य बने और 2023 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने।
मदन राठौड़ की टिप्पणी का राजनीतिक संकेत
मदन राठौड़ का यह मजाक केवल हंसी-मजाक नहीं था बल्कि इसमें राजनीतिक संकेत भी छिपे थे। उन्होंने कोली की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में चले गए हैं, वे वापस लौट सकते हैं। राठौड़ के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।
मदन राठौड़ अपने बेबाक और चुटीले बयानों के लिए जाने जाते हैं। बीजेपी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान भी वे अक्सर ऐसे हंसी-मजाक करते रहते हैं। इस घटना में भी राठौड़ ने अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ और मजाकिया अंदाज को बखूबी दिखाया।