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नरेश मीणा की रिहाई को लेकर टोंक में महापंचायत

नरेश मीणा की रिहाई को लेकर टोंक में महापंचायत

मनीषा शर्मा।  टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई को लेकर चर्चा तेज है। नरेश मीणा पर उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने का आरोप है, जिसके चलते उन्हें जेल भेजा गया था। अब उनकी रिहाई की मांग को लेकर 29 दिसंबर को टोंक के नगर फोर्ट में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस महापंचायत को लेकर समर्थकों और नेताओं में हलचल मची हुई है।  नरेश मीणा के परिजन और समर्थक महापंचायत को सफल बनाने के लिए कई प्रमुख नेताओं से समर्थन मांग चुके हैं। इनमें आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल और बीएपी नेता राजकुमार रोत ने खुलेआम उनका समर्थन किया है। हालांकि, इन नेताओं की महापंचायत में उपस्थिति को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।

महापंचायत की तैयारियां और सर्व समाज की बैठक

महापंचायत को सफल बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस सिलसिले में हाड़ौती के दिग्गज कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने लबान गांव में आयोजित बैठक को संबोधित किया। बैठक में समरावता केस के पीड़ितों को न्याय दिलाने और उन्हें नुकसान का मुआवजा देने की मांग पर जोर दिया गया। प्रहलाद गुंजल ने कहा कि “हमारे प्रयास जारी हैं कि समरावता गांव के निर्दोष लोगों को शीघ्र रिहा किया जाए और जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें न्याय मिले।” इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

समरावता केस और न्यायिक जांच की मांग

समरावता केस को लेकर सर्व समाज ने भी न्याय की मांग उठाई है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महापंचायत में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला किया जाएगा। प्रहलाद गुंजल ने कहा कि जब तक राज्य सरकार न्यायिक जांच के लिए सहमत नहीं होगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस बैठक में देईखेड़ा सरपंच राजकुमार मीना, पार्षद उमेश मीना, खरायता सरपंच बद्रीलाल मीना, और अशोक मीना सहित सर्व समाज के लोग मौजूद रहे। सभी ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक

बैठक के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। उपस्थित लोगों ने उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा।

महापंचायत में संभावित निर्णय

महापंचायत के दौरान आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसमें यह निर्णय लिया जा सकता है कि आंदोलन को और व्यापक बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। नरेश मीणा की रिहाई और समरावता केस के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए महापंचायत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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