शोभना शर्मा। राजस्थान के कोटा शहर में 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक तीन दिवसीय कोटा महोत्सव 2024 का आयोजन किया जाएगा। चंबल रिवर फ्रंट इस बार महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रमों की झलक देखने को मिलेगी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, कला और परंपराओं को बढ़ावा देना है। महोत्सव में कई प्रमुख कार्यक्रम होंगे, जिनमें मैथिली ठाकुर का विशेष लाइव परफॉर्मेंस भी शामिल है।
मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति – महोत्सव का मुख्य आकर्षण
लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर इस महोत्सव की विशेष प्रस्तुति देंगी। बिहार की रहने वाली मैथिली ठाकुर ने अपने संगीत कौशल से न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनका हाल ही में गाया गया राजस्थानी लोकगीत ‘कंठी पर मोर बोले’ सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस गाने को उन्होंने इतनी भावपूर्ण तरीके से गाया है कि लोग उनकी तुलना जैसलमेर और बाड़मेर की पारंपरिक गायिकाओं से कर रहे हैं।
23 दिसंबर को महोत्सव का आगाज सुबह खड़े गणेश जी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ होगा। इसके बाद शाम 7 बजे दशहरा मैदान स्थित विजय श्री रंगमंच पर मैथिली ठाकुर संगीतमय संध्या की प्रस्तुति देंगी। संगीत प्रेमियों के लिए यह एक खास अवसर होगा, जिसमें वे मैथिली की सुरीली आवाज और पारंपरिक गीतों का आनंद उठा सकेंगे।
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
मैथिली ठाकुर एक युवा प्रतिभाशाली गायिका हैं, जिन्होंने भारतीय लोक संगीत और भजन गायन में विशेष पहचान बनाई है। वे एक संगीतज्ञ परिवार से आती हैं और बचपन से ही संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। मैथिली ने भोजपुरी, मैथिली, हिंदी और राजस्थानी गीतों को गाकर देशभर के संगीत प्रेमियों का दिल जीता है।
उनके प्रसिद्ध गानों में ‘माई री माई’, ‘रंगबती’, ‘छठ पूजा गीत’ आदि शामिल हैं। इसके अलावा भजन गाने में भी मैथिली ने विशेष लोकप्रियता हासिल की है। उनके गाए कुछ प्रमुख भजनों में ‘नगरी हो अयोध्या सी’, ‘नवरात्रि के भजन’, ‘हरी नाम नहीं तो जीना क्या’ शामिल हैं।
कोटा महोत्सव का आयोजन – सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव
23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार होगी। चंबल रिवर फ्रंट पर कार्यक्रमों के अलावा, शौर्य घाट पर विशेष आयोजनों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। कोटा महोत्सव राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोने का एक बेहतरीन अवसर है, जहां स्थानीय कलाकारों के अलावा राष्ट्रीय स्तर के कलाकार भी हिस्सा लेंगे।
महोत्सव के अंतिम दिन यानी 25 दिसंबर को कार्यक्रम का समापन चंबल माता की महाआरती और दीपदान के साथ होगा। यह आयोजन कोटा शहर के लोगों के लिए एक विशेष अवसर होगा, जहां उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का मौका मिलेगा।
मैथिली ठाकुर का राजस्थानी गीत वायरल
मैथिली ठाकुर का राजस्थानी गीत ‘कंठी पर मोर बोले’ इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस गाने को सुनने के बाद लोग मैथिली की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। उनकी आवाज में इस गाने की मिठास और भावुकता साफ झलकती है, जिसने देशभर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
कोटा महोत्सव 2024 का महत्व
कोटा महोत्सव के माध्यम से स्थानीय कलाकारों और परंपराओं को एक बड़ा मंच मिलता है। इसके साथ ही, यह आयोजन पर्यटकों को राजस्थान की संस्कृति और आतिथ्य का अनुभव करने का भी शानदार मौका प्रदान करता है।
इस महोत्सव का आयोजन चंबल रिवर फ्रंट पर होने से पर्यावरण और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न प्रकार की सजावट, लाइटिंग और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां महोत्सव में चार चांद लगा देंगी।
कार्यक्रम का शेड्यूल
23 दिसंबर: महोत्सव का शुभारंभ खड़े गणेश जी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ।
23 दिसंबर शाम 7 बजे: विजय श्री रंगमंच पर मैथिली ठाकुर का लाइव परफॉर्मेंस।
25 दिसंबर: चंबल माता की महाआरती और दीपदान के साथ महोत्सव का समापन।
मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति – संगीत प्रेमियों के लिए यादगार शाम
मैथिली ठाकुर की लाइव प्रस्तुति संगीत प्रेमियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं होगी। उनकी आवाज का जादू और उनके गाए पारंपरिक गीत इस कार्यक्रम को और खास बना देंगे।