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ACB की बड़ी कार्रवाई: कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय APO

ACB की बड़ी कार्रवाई: कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय APO

मनीषा शर्मा।  राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय को एपीओ (Awaiting Posting Order) कर दिया है। राजेन्द्र विजय, जो प्रमोटी आईएएस (IAS) अधिकारी हैं, के खिलाफ पिछले छह महीने से चल रही जांच के बाद, उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ है। एसीबी की कार्रवाई में जयपुर, कोटा, और दौसा में स्थित उनके चार ठिकानों पर सर्च की गई, जिसमें कई अघोषित संपत्तियां और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए।

शिकायत और जांच की प्रक्रिया

एसीबी के डीजी रवि प्रकाश ने बताया कि करीब छह महीने पहले एसीबी मुख्यालय को राजेन्द्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद, एसीबी की इंटेलिजेंस विंग ने उनकी संपत्तियों की जांच शुरू की, जो लगभग पांच महीनों तक चली। इस जांच के दौरान विजय द्वारा दी गई जानकारी और उनकी वास्तविक संपत्तियों के बीच बड़ा अंतर पाया गया। जांच के दौरान पता चला कि राजेन्द्र विजय की संपत्तियों की जानकारी, जो उन्होंने इन्कम प्रॉपर्टी रिटर्न (IPR) में दी थी, वह सही नहीं थी। इस जांच की पुष्टि होते ही एसीबी ने अदालत से सर्च वारंट लिया और 1 अक्टूबर को कोर्ट से सर्च की अनुमति प्राप्त की। इसके बाद 2 अक्टूबर की सुबह से उनके चार ठिकानों पर छापे मारे गए।

चार ठिकानों पर छापे

एसीबी ने जयपुर, कोटा और दौसा में राजेन्द्र विजय के चार ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की। जयपुर में उनके दो स्थानों पर छापे मारे गए, जबकि कोटा और दौसा में भी उनकी संपत्तियों की तलाशी ली गई। एसीबी ने सर्च के दौरान राजेन्द्र विजय के प्राइवेट बैंक में स्थित लॉकर की भी जानकारी प्राप्त की और उसे खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। इसके साथ ही कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनका सत्यापन अब भी जारी है।

छोटे बेटे के NGO की जांच

सर्च के दौरान एसीबी को जयपुर स्थित राजेन्द्र विजय के आवास पर उनका छोटा बेटा संकल्प विजय मिला, जो ‘संकल्प इंडिया फाउंडेशन’ नाम से एक एनजीओ (NGO) चलाता है। एसीबी ने एनजीओ की भी जांच शुरू कर दी है। संकल्प से पूछताछ के दौरान पता चला कि जब एसीबी की टीम घर पर पहुंची, तब वह सो रहा था। एसीबी टीम ने उसे जगाया और अपने आने का कारण बताया। इसके बाद संकल्प से उनके पिता राजेन्द्र विजय की बातचीत कराई गई। एसीबी ने घर में सर्च करते हुए कई दस्तावेजों को जब्त कर लिया है, जिनका आगे सत्यापन किया जा रहा है।

प्रॉपर्टी का सत्यापन और अन्य जांच

सर्च के दौरान एसीबी को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो उनकी प्रॉपर्टी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं। एसीबी की टीमों ने जयपुर, कोटा और दौसा में विजय की संपत्तियों का सत्यापन कराया। एसीबी को शक है कि जयपुर में राजेन्द्र विजय की और भी अघोषित संपत्तियां हो सकती हैं, जिनके बारे में अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिला है। एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विजय के खिलाफ आगे की जांच जारी रहेगी और जो दस्तावेज अभी तक सत्यापित नहीं हुए हैं, उन पर टीमें काम कर रही हैं।

आगे की कार्रवाई

राजस्थान सरकार ने एसीबी की इस बड़ी कार्रवाई के बाद राजेन्द्र विजय को एपीओ कर दिया है। एपीओ का मतलब है कि विजय अब फिलहाल किसी सरकारी पद पर नियुक्त नहीं होंगे। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच के बाद उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।  इस मामले ने राजस्थान की सरकारी अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त नीति का एक और उदाहरण है। एसीबी की यह कार्रवाई राज्य में अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एसीबी की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। राजेन्द्र विजय जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई यह कार्रवाई न केवल राज्य सरकार के लिए एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एसीबी तत्पर है। ACB की इस जांच के बाद, अन्य कई अधिकारियों पर भी निगरानी बढ़ाई जा सकती है।

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