जोधपुरब्लॉग्सराजस्थान

मंडोर – एक पौराणिक शहर

मंडोर – एक  पौराणिक शहर

जोधपुर के उत्तर में एक प्राचीन शहर, मंडोर राजस्थान का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। मंडोर प्राचीन काल मे राजस्थान के मारवाड़ के शासकों के लिए शाही श्मशान भूमि था और आज यह एक खूबसूरत बगीचे में तब्दील हो गया है जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

इतिहास और पौराणिक कथाएं 

मंडोर के महत्व को  इस पौराणिक तथ्य से समझ जा सकता है कि राक्षस राजा रावण का विवाह इसी शहर में हुआ था, और इस बात की पुष्टि  के लिए यहां रावण का  मंदिर भी है, जो रावण की पत्नी मंदोदरी के पैतृक स्थान पर बना है। जोधपुर में श्रीमाली समाज के गोधा गौत्र के लोग स्वयं को रावण का वंशज मानते हैं  और वह आज भी यहाँ रावण और उसकी पत्नी  मंदोदरी जो की मंडोर की राजकुमारी थी की पूजा करते है।

1459 ई. तक, मंडोर मारवाड़ (जोधपुर राज्य) की राजधानी थी इसके बाद राठौड़ प्रमुख राव जोधा ने राजधानी को नए स्थापित शहर, जोधपुर में स्थानांतरित कर दिया।

मंडोर मे खास विशेषाएं 

मंडोर गार्डन मे चट्टान से बनी लोक नायकों की 16 मूर्तियाँ हैं जिसे हॉल ऑफ हीरोज कहा जाता है। बगीचे में पाए जाने वाले प्रसिद्ध स्मारकों में से सबसे प्रमुख महाराजा अजीत सिंह की छत्री है, जिसे 1793 में बनाया गया था। यहाँ 33 करोड़ देवताओं का एक हिंदू मंदिर है जो अपने धार्मिक महत्व के कारण हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।मंडोर के सरकारी संग्रहालय मे राजस्थान के इतिहास और संस्कृति से जुड़े कई चित्रों, मूर्तियों और कलाकृतियों को देखा जा सकता है।

पर्यटन शुल्क आओर समय 
मंडोर गार्डन पर्यटकों के लिए बिल्कुल निःशुल्क है और यह उद्यान सभी दिनों में सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है और अनुशंसित अन्वेषण समय 1-2 घंटे का होता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading