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मौलाना रजा का विरोध प्रदर्शन आह्वान, 24 तारीख को दिल्ली में जुटें

मौलाना रजा का विरोध प्रदर्शन आह्वान, 24 तारीख को दिल्ली में जुटें

मनीषा शर्मा। जयपुर में रविवार को आयोजित तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस (Tahaffuz Auqaf Conference) में वक्फ संपत्तियों और मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा के उद्देश्य से एक जागरूकता अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस कॉन्फ्रेंस में इत्तेहादे ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा  (Maulana Tauqeer Raza) ने मुसलमानों को एकजुट होने और 24 तारीख को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया। मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि मुसलमानों को अब अपनी ताकत दिखाने और अपने हकों की आवाज उठाने का समय आ गया है।

वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए की अपील

मौलाना तौकीर रजा ने वक्फ संपत्तियों पर बढ़ते कब्जों और अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति हमारी धरोहर है, और इसे किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। मौलाना ने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है।

मुसलमानों पर अत्याचार और लिंचिंग पर नाराजगी

मौलाना रजा ने मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार, लिंचिंग, और धार्मिक अपमान पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर सरकार कार्रवाई नहीं करती, जिससे मुस्लिम समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। रजा ने मुसलमानों से इन घटनाओं के खिलाफ कड़ा कानून बनवाने का आह्वान किया।

दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की तैयारी

मौलाना तौकीर रजा ने दिल्ली में 24 तारीख को एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, और वे अपनी मांगों को संसद सत्र के दौरान जोरदार तरीके से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे दोबारा 15 दिनों के बाद लौटेंगे और इस बार उनका प्रदर्शन और अधिक सख्त होगा।

अजमेर दरगाह के सैयद सरवर चिश्ती का समर्थन

अजमेर दरगाह के सैयद सरवर चिश्ती ने कॉन्फ्रेंस में अपने विचार साझा किए और मौलाना रजा के आह्वान का समर्थन किया। चिश्ती ने कहा कि मुस्लिम समाज को तोड़ने और उनके अधिकारों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी सूरत में अपने समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटेंगे।

हेट स्पीच पर विचार और प्रधानमंत्री पर तंज

चिश्ती ने अपने बयानों के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अक्सर हेट स्पीच के आरोपों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उन्होंने इसे अपने समाज के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि अन्य धर्मगुरुओं के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई नहीं होती, लेकिन मुस्लिम नेताओं के बयानों को हेट स्पीच कहा जाता है।

मुसलमानों के प्रति बढ़ते अत्याचार और बुलडोजर कार्रवाई पर आलोचना

मौलाना रजा ने बुलडोजर कार्रवाई और अत्याचारों पर भी कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि बिना किसी जुर्म के मुसलमानों की संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है, जो न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि संविधान के भी खिलाफ है।

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