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मौसमी बीमारियों पर काबू के लिए राजस्थान में सख्त कदम: चिकित्सा मंत्री

मौसमी बीमारियों पर काबू के लिए राजस्थान में सख्त कदम: चिकित्सा मंत्री

Shobhna Sharma. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शुक्रवार को राजस्थान में मौसमी बीमारियों की रोकथाम और अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक डेंगू और मलेरिया के केस पिछले साल की तुलना में लगभग आधे हैं। ज्यादातर जिलों में स्थिति नियंत्रण में है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह नियंत्रण आगे भी बना रहे, विभागीय अधिकारियों को सतर्कता और सजगता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम

मंत्री खींवसर ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे मौसमी बीमारियों के प्रसार का खतरा बढ़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी अस्पतालों में दवा, जांच किट्स और उपचार की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही, स्थानीय निकाय और अन्य विभागों के साथ समन्वय कर रोकथाम गतिविधियों को मिशन मोड में संचालित किया जा रहा है। व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियों के माध्यम से जनता को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी जा रही है।

अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था

मंत्री खींवसर ने चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। सभी अस्पतालों में हॉस्पिटल स्क्रीनिंग कमेटी और वायलेंस प्रिवेंशन कमेटी का गठन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना और नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। 100 बेड से अधिक के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा।

बजट घोषणाओं पर तेजी से कार्य

बैठक में बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा गया कि नए चिकित्सा संस्थानों के खोलने, विस्तार और मरम्मत से संबंधित प्रस्तावों को शीघ्र भेजा जाए। साथ ही, सभी चिकित्सा संस्थानों की जीओ टेगिंग का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। अब तक 75 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों की जीओ टेगिंग की जा चुकी है।

मौसमी बीमारियों के आंकड़े और सुरक्षा व्यवस्था

राज्य में अब तक डेंगू के 1705 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल इस अवधि में 3059 मामले थे। मलेरिया के केस भी पिछले साल की तुलना में आधे हो चुके हैं। अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, 96 प्रतिशत जिला अस्पतालों और 100 प्रतिशत उपजिला अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। पीएचसी स्तर तक सीसीटीवी कैमरों की स्थापना प्रक्रिया में है।

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील कुमार परमार, और अन्य अधिकारी शामिल थे। समस्त संयुक्त निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी वीसी के माध्यम से बैठक में जुड़े।

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