मनीषा शर्मा। राजस्थान के मीणा समाज ने अपने लिए नए सामाजिक नियमों का ऐलान किया है, जिसमें गोद-भराई की रस्म पर रोक और जन्मदिन मनाने पर पाबंदी शामिल है। यह निर्णय हाल ही में आयोजित महापंचायत में लिया गया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। महापंचायत ने यह तय किया कि अब किसी भी घर में गोद-भराई की रस्म नहीं होगी और दहेज की जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। इसके अलावा, भैया दूज जैसे पर्व को मनाने पर भी रोक लगाई गई है।
महापंचायत में लिए गए 17 बड़े निर्णयों में से एक यह भी है कि शादी का रिश्ता लड़का या लड़की के घर नहीं तय होगा। इसके बजाय, किसी तीसरे व्यक्ति के घर दोनों एक-दूसरे से मिलेंगे। जब दोनों पक्ष संतुष्ट होंगे, तब लड़का-लड़की एक-एक रिश्तेदार की मौजूदगी में मिलेंगे। इस प्रकार, शादी में गोद-भराई की रस्म नहीं होगी और दूल्हे की निकासी के दौरान डीजे भी नहीं बजेगा।
महापंचायत ने पंच-पटेलों को कठोर कार्रवाई का अधिकार दिया है। नियमों का पालन न करने वाले परिवारों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। पंच-पटेल और भी कड़ी सजा नियमों का उल्लंघन करने वालों को सुना सकते हैं। यह निर्णय तब लिया गया जब करौली जिले में 18 जनवरी 2025 को एक विवाद सामने आया था, जिसमें एक स्टेशन मास्टर के भाई को लड़की वालों ने बंधक बना लिया था। इसके बाद नाराज लड़की के परिवार ने उसकी मूंछ और बाल काट दिए थे।
इस घटना के बाद महापंचायत ने लड़की के परिवार पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। मीणा महासभा के जिलाध्यक्ष हरिया ने कहा कि पिछले दिनों सामाजिक नियमों में कई कमियां सामने आई थीं। जिनमें सुधार की गुंजाइश महसूस होने पर महापंचायत बुलाकर निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 1 मार्च से सभी निर्णय समाज पर लागू होंगे, जिनकी निगरानी गांवों के पंच-पटेल करेंगे।
हरिया ने कहा, “समाज की प्रगति के लिए कुरीतियों और आडम्बरों को छोड़कर आगे बढ़ना होगा।” इस प्रकार, मीणा समाज ने अपने सामाजिक नियमों में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो समाज के विकास और एकता के लिए आवश्यक है।