मनीषा शर्मा। रामगंजमंडी एसीजेएम कोर्ट ने 6 साल पुराने धार्मिक भावना भड़काने के मामले में राजस्थान के मंत्री मदन दिलावर को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिलावर ने कहा, “सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। कोर्ट ने दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जानकारी कोर्ट के दस्तावेजों से ही प्राप्त होगी, लेकिन उन्होंने अपनी बेगुनाही पर जोर दिया।
मामला कैसे शुरू हुआ?
नवंबर 2018 में, जब मदन दिलावर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी के रूप में रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र में नामांकन रैली निकाल रहे थे, उस समय यह विवाद सामने आया था। रैली के दौरान डीजे पर बज रहे एक गाने के कारण समाज विशेष के 5-6 लोगों ने धार्मिक भावनाएं आहत होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद तत्कालीन विधायक मदन दिलावर और डीजे मालिक ओम प्रकाश के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाया गया।
जांच और चार्जशीट
चूंकि यह मामला एक विधायक से जुड़ा हुआ था, इसे सीबी सीआईडी को सौंप दिया गया। मामले की लंबी जांच के बाद, साल 2022 में रामगंजमंडी एसीजेएम कोर्ट में इस मामले का चालान पेश किया गया। इस मामले में 56 गवाहों के बयान दर्ज हुए, और दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
कोर्ट का फैसला और मदन दिलावर की प्रतिक्रिया
20 अक्टूबर 2024 को रामगंजमंडी एसीजेएम कोर्ट ने मदन दिलावर को सभी आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मदन दिलावर ने कहा, “मैंने कोई अपराध नहीं किया। आज कोर्ट ने सत्य की जीत सुनिश्चित की है।”
फैसला सुनाए जाने के दौरान मदन दिलावर खुद कोर्ट में मौजूद थे। उनके साथ बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौजूद थे। जैसे ही कोर्ट ने उन्हें बरी किया, कार्यकर्ताओं ने दिलावर को बधाई दी और खुशी जताई।
वकील की प्रतिक्रिया
मदन दिलावर के वकील विशाल जैन ने बताया कि इस मामले में 6 साल तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार कोर्ट ने उनके मुवक्किल को निर्दोष पाया। उन्होंने कहा, “यह निर्णय हमारे लिए सत्य की जीत है और हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा था कि न्याय होगा।”
बीजेपी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद बड़ी संख्या में उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की और इसे राजनीतिक साजिश का अंत बताया। दिलावर के समर्थकों ने कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताते हुए न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया।