मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत चल रहे स्वच्छता अभियानों पर सवाल खड़े करते हुए सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कागजों में भले ही हम खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गए हैं, लेकिन हकीकत में धरातल पर हालात अब भी चिंताजनक हैं। अजमेर में आयोजित एक बैठक में उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को साफ शब्दों में निर्देश दिए कि स्वच्छता अभियान के लिए मिले धन का सही उपयोग किया जाए।
स्वच्छता के पैसे का दुरुपयोग करने पर होगी वसूली
मंत्री दिलावर ने कहा कि यदि पंचायतें स्वच्छता के लिए मिले धन को अन्य कार्यों में खर्च करती हैं, तो संबंधित अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूली की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार ने इस संदर्भ में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। यदि अब कोई पंचायत स्वच्छ भारत मिशन के फंड का दुरुपयोग करती है, तो पूरी रकम संबंधित अधिकारियों से वसूली जाएगी।ग्रामीण स्वच्छता में सुधार की आवश्यकता
उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक केवल 28% धन ही खर्च हुआ है, जबकि सरकार हर पंचायत को स्वच्छता के लिए 7-8 लाख रुपये आवंटित करती है। इसके बावजूद गंदगी की समस्या बनी हुई है। शहरी क्षेत्रों में इस मिशन ने बेहतर परिणाम दिए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी और लापरवाही की वजह से अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी है।पॉलीथीन और डिस्पोजल का उपयोग बंद करने पर जोर
मंत्री दिलावर ने पर्यावरण के लिए हानिकारक पॉलीथीन और डिस्पोजल वस्तुओं का उपयोग बंद करने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि गांव-गांव में बर्तन बैंक बनाए जाएं। इससे न केवल गंदगी कम होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उनका कहना है कि शादियों और सामूहिक समारोहों में डिस्पोजल आइटम्स की जगह बर्तन बैंक का उपयोग किया जाए।गांवों में फिर शुरू होगा शौचालय जागरूकता अभियान
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के शुरुआती दिनों में अधिकारी गांवों में जाकर खुले में शौच करने वालों को रोकते थे। यह पहल दोबारा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत स्वच्छ और सुंदर बने। इसे साकार करने के लिए हमें दृढ़ प्रयास करने होंगे।”कपड़े के थैले को अपनाने की अपील
पॉलीथीन के बढ़ते उपयोग पर चिंता जताते हुए दिलावर ने कपड़े के थैलों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कपड़े का थैला इस्तेमाल करना किसी भी व्यक्ति के लिए मुश्किल नहीं है, लेकिन आदत बदलने की आवश्यकता है।बैठक में विधायक और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद
इस बैठक में कई विधायकों और जिला प्रमुखों ने भाग लिया। इनमें भीलवाड़ा के विधायक अशोक कुमार कोठारी, आसींद के जब्बर सिंह सांखला, देवली के राजेंद्र गुर्जर, ब्यावर के शंकर सिंह रावत जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। इनके अलावा टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर और नागौर जिलों के जिला प्रमुख और प्रधानों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।