मनीषा शर्मा। राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने सोमवार को बाड़मेर के अटल सेवा केंद्र में जन सुनवाई के दौरान मनरेगा में हो रहे कथित भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की बात कही। पहली बार अटल सेवा केंद्र में जन सुनवाई करने पहुंचे मंत्री ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। इस दौरान धोरीमन्ना पंचायत समिति के लुखू ग्राम पंचायत के सरपंच ने मनरेगा में कार्यरत अधीक्षण अभियंता (एक्सईएन) राजेंद्र चौधरी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। सरपंच ने आरोप लगाया कि एक्सईएन काम स्वीकृत करने के बदले कमीशन की मांग करते हैं। मंत्री ने तत्काल एक्सईएन को बुलाकर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि यदि कमीशनबाजी जारी रही तो उन पर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
जन सुनवाई में उठे मनरेगा भ्रष्टाचार के आरोप
बाड़मेर कलेक्ट्रेट के अटल सेवा केंद्र में आयोजित जन सुनवाई में मंत्री के सामने ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं रखीं। धोरीमन्ना पंचायत समिति के सरपंच आसूराम ने आरोप लगाया कि मनरेगा में स्वीकृति देने के लिए एक्सईएन राजेंद्र चौधरी कमीशन मांगते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नाडी का समायोजन करवाना था, लेकिन इसके बदले में मुझसे राशि मांगी गई। जब मैंने पैसे देने से इनकार किया, तो मेरा काम रोक दिया गया।” सरपंच ने यह भी आरोप लगाया कि चार साल से एक्सईएन राजेंद्र चौधरी ने पूरे जिले में भ्रष्टाचार का जाल फैला रखा है। जो उन्हें पैसा देते हैं, उनका काम आसानी से हो जाता है, जबकि ईमानदार सरपंचों के काम अटकाए जाते हैं।
मंत्री और एक्सईएन के बीच तीखी बातचीत
सरपंच की शिकायत सुनने के बाद मंत्री विश्नोई ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और कलेक्टर टीना डाबी की मौजूदगी में एक्सईएन राजेंद्र चौधरी को तलब किया। मंत्री ने उनसे सीधे सवाल पूछे:
मंत्री: “सभी जेटीओ और सरपंच को बुलाते हो क्या?”
एक्सईएन: “जो भी मेरे पास आते हैं, उनका मौका देखकर स्वीकृत कर देता हूं।”
मंत्री: “आपके पास ही सब क्यों आते हैं?”इस पर सरपंच ने आरोप लगाया कि एक्सईएन ने नाडी का काम स्वीकृत करने के लिए उनसे एक प्रतिशत कमीशन मांगा था। मंत्री ने एक्सईएन से पूछा, “कितना प्रतिशत चाहिए?” इस पर एक्सईएन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कभी किसी से पैसे की मांग नहीं की। मंत्री ने कहा, “अगर इस तरीके से कमीशनबाजी हुई तो मुकदमा दर्ज करवाऊंगा। नौकरी करना भूला दूंगा।”
मंत्री ने दी स्पष्ट चेतावनी
मंत्री विश्नोई ने एक्सईएन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे काम करने की शैली नहीं बदलते हैं, तो उन्हें प्रोफेशन बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “व्यवहार को तुरंत बदलो, नहीं तो नौकरी छोड़ दो। पुरानी सरकार से प्रभावित हो तो उसे भी बदल लो। सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक हैं, किसी नेता या पार्टी के नहीं।” मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों को निष्पक्षता और ईमानदारी से काम करना चाहिए।
मनरेगा भ्रष्टाचार की जांच के आदेश
मंत्री ने घटना की जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि सरपंच द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, “कमीशनखोरी के मामले में यदि कोई दोषी पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।”
सरपंच का बयान
सरपंच आसूराम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिले में मनरेगा के तहत सभी काम स्वीकृत करने के लिए रिश्वत ली जाती है। उन्होंने आरोप लगाया, “जो अधिकारी कमीशन देते हैं, उन्हीं का काम होता है। मैं लंबे समय से इस मुद्दे को लेकर आवाज उठा रहा हूं। मंत्री जी ने मेरी शिकायत पर कार्रवाई की, इसके लिए मैं आभारी हूं।”
एक्सईएन का पक्ष
एक्सईएन राजेंद्र चौधरी ने सरपंच के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि वे सभी कार्य तकनीकी जांच और स्थल निरीक्षण के बाद ही स्वीकृत करते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी से कमीशन नहीं मांगा। सरपंच मुझ पर बेवजह दबाव बना रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरपंच द्वारा लगाए गए आरोप उनकी छवि खराब करने के लिए किए गए हैं।
बाड़मेर जिला परिषद की स्थिति
बाड़मेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनीचामी ने बताया कि राजेंद्र चौधरी सहायक अभियंता (एईएन) के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें एक्सईएन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पलनीचामी ने स्वीकार किया कि मनरेगा में स्वीकृति प्रक्रिया को लेकर पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सभी मामलों की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
मंत्री विश्नोई का संदेश
मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि वे जन सुनवाई के दौरान सभी शिकायतों को गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने कहा, “कमीशनखोरी की शिकायत बेहद गंभीर है। यदि इसमें सत्यता पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कर्मचारियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने का निर्देश दिया।