शोभना शर्मा। राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा तीन संभाग और नौ जिलों को निरस्त करने का फैसला जनता के आक्रोश का कारण बन गया है। इस फैसले के विरोध में सांचौर, शाहपुरा, गंगापुर सिटी सहित कई जिलों में प्रदर्शन हुए, लेकिन सीकर और नीम का थाना के आंदोलन ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरीं। सोमवार को नीम का थाना के रामलीला मैदान में एक विशाल आक्रोश सभा का आयोजन हुआ। इसमें सांसद अमराराम चौधरी, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित हजारों लोगों ने भाग लिया। इस सभा में सरकार को साफ चेतावनी दी गई कि अगर नीम का थाना को फिर से जिला और सीकर को संभाग का दर्जा नहीं दिया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
आक्रोश सभा में नेताओं का हुंकार
सांसद अमराराम चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिले और संभाग को बहाल करने के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा। विधायक सुरेश मोदी ने घोषणा की कि 5 फरवरी को जयपुर में विधानसभा का घेराव किया जाएगा। सभा में दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह चौधरी, पीसीसी सदस्य बालेंदु सिंह शेखावत, पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर, और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी राज्य सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
जिला निरस्तीकरण के खिलाफ गंगापुर सिटी के कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि जिले को समाप्त करने से पहले क्या मापदंडों का पालन किया गया था या नहीं।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी स्पष्ट किया कि अगर याचिका बिना ठोस आधार पर लगाई गई है, तो इसे खारिज किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जाएगा।
निरस्तीकरण का कारण राजनीति?
याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट सारांश सैनी ने कहा कि गंगापुर सिटी को पूर्ववर्ती सरकार ने निर्धारित मापदंडों के आधार पर जिला घोषित किया था। जिले के रूप में कई प्रशासनिक नियुक्तियां हो चुकी थीं, और सरकारी कार्य भी शुरू हो गए थे। लेकिन, नई सरकार ने इस फैसले को बदलते हुए जिला और संभाग को निरस्त कर दिया। वकील ने दावा किया कि यह फैसला राजनैतिक द्वेषता का परिणाम है।
नीम का थाना और सीकर में आंदोलन तेज
नीम का थाना और सीकर क्षेत्र में आंदोलनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रही है। रामलीला मैदान में हुई आक्रोश सभा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और सरकार से जिलों और संभाग की बहाली की मांग की।
आंदोलन की अगली रणनीति
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो उग्र कदम उठाए जाएंगे। रेलवे ट्रैक जाम करने और जयपुर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की योजना बनाई जा रही है। आंदोलन को लेकर स्थानीय जनता में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है।