शोभना शर्मा। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, डांगी ने राजसमंद और पाली के बीच देसूरी नाल पर एलिवेटेड रोड और आबूरोड में पालनपुर-सरूपगंज फोरलेन पर हनुमान टेकरी मार्ग पर अंडरब्रिज निर्माण की मांग की। दोनों स्थानों पर हो रही लगातार सड़क दुर्घटनाओं और जनहानि को रोकने के लिए इन इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सांसद डांगी ने इस मुलाकात में बताया कि राजस्थान के उदयपुर, पाली, जैसलमेर और जोधपुर को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग एस.एच.16 का एक महत्वपूर्ण घाट सेक्शन है, जिसमें राजसमंद जिले के गढ़बोर से देसूरी के बीच 8 किलोमीटर का हिस्सा देसूरी नाल के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को देखते हुए, उन्होंने देसूरी नाल पर एलिवेटेड रोड निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
देसूरी नाल: सड़क दुर्घटनाओं का केंद्र
डांगी ने बताया कि देसूरी नाल में सन् 1952 से अब तक 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा सड़क हादसा, जिसे देसूरी दुखांतिका के नाम से जाना जाता है, 7 सितंबर 2007 को हुआ था, जिसमें 108 लोगों की जान चली गई थी। हर वर्ष यहां लगभग 100 लोगों की सड़क हादसों में मौत होती है। इस घाट सेक्शन में 12 खतरनाक मोड़ और पांच संकरी पुलियाएं हैं, जहां वाहनों का ब्रेक फेल हो जाता है और वे चट्टानों से टकरा जाते हैं या गहरी खाई में गिर जाते हैं।
हनुमान टेकरी चौराहा: दुर्घटना का हॉटस्पॉट
इसी तरह, आबूरोड हाईवे पर स्थित हनुमान टेकरी चौराहा भी दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यह चौराहा श्रमिकों, कामगारों, खेतीहर मजदूरों और स्थानीय निवासियों की भारी आवाजाही के कारण हमेशा व्यस्त रहता है। आए दिन यहां सड़क दुर्घटनाओं के कारण जनहानि होती रहती है। डांगी ने मंत्री गडकरी से मांग की कि यहां अंडरब्रिज का निर्माण किया जाए ताकि इन दुर्घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
सड़क सुरक्षा की दिशा में कदम
सांसद नीरज डांगी ने सड़कों की सुरक्षा और जनहानि को रोकने के लिए ये दोनों मुद्दे सदन में भी उठाए थे। उनकी इस पहल का उद्देश्य राजस्थान में सड़क हादसों की संख्या को कम करना और लोगों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। नितिन गडकरी से इस मुलाकात के बाद उम्मीद है कि इन परियोजनाओं को जल्द ही मंजूरी मिलेगी और काम शुरू होगा।
राजसमंद और आबूरोड में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। इन निर्माण कार्यों से इन क्षेत्रों की सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और भविष्य में होने वाली जनहानि को रोका जा सकेगा।