latest-newsदेशराजस्थान

मुहर्रम 2024: इस्लामिक नववर्ष 1446 की शुरुआत और हिजरी कैलेंडर का महत्व

मुहर्रम 2024: इस्लामिक नववर्ष 1446 की शुरुआत और हिजरी कैलेंडर का महत्व

शोभना शर्मा । मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है, जिसे इस्लाम में गम और शोक का महीना माना जाता है। इस वर्ष 8 जुलाई 2024 से मुसलमानों के नए साल की शुरुआत हो चुकी है, जो 26 जुलाई 2025 तक चलेगा। हिजरी कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष 1446 है। इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है और इसमें 12 चंद्र महीने होते हैं, जिनमें हर महीना 29 या 30 दिनों का होता है।

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, हिजरी की शुरुआत दूसरे खलीफा हजरत उमर रजि. के समय हुई थी। हजरत अली रजि. और हजरत उस्मान गनी रजि के कहने पर खलीफा हजरत उमर रजि ने मुहर्रम को हिजरी वर्ष का पहला महीना तय किया। इस तरह से मुहर्रम के पहले दिन को इस्लामी नववर्ष की शुरुआत माना जाता है।

मुहर्रम का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसी महीने में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने कर्बला में शहादत दी थी। इस कारण मुसलमान इस महीने को शोक और चिंतन का महीना मानते हैं। मुहर्रम के 10वें दिन, जिसे आशूरा कहा जाता है, लोग उपवास रखते हैं और इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं। इसके अलावा, पैगंबर मूसा की मिस्र के फिरौन पर जीत की याद में भी मुसलमान उपवास रखते हैं।

इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में मुहर्रम के बाद सफर, रबीउल-अव्वल, रबीउल-आखिर, जुमादिल अव्वल, जुमादिल आखिर, रज्जब, शाअबान, रमजान, शव्वाल, जिल काअदह, और जिलहिज्जा महीने आते हैं।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading