latest-newsअजमेरराजनीतिराजस्थान

अजमेर दरगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम संगठनों ने की हस्तक्षेप की मांग

अजमेर दरगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम संगठनों ने की हस्तक्षेप की मांग

शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह को लेकर बढ़ते विवाद ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। मुस्लिम संगठनों ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। संगठनों का कहना है कि उपासना स्थल अधिनियम 1991 का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाए। इस मुद्दे को लेकर जॉइंट कमेटी तहफ्फुज ए औकाफ, राजस्थान के बैनर तले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुद्दे

मुस्लिम संगठनों ने देशभर में धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों और उनके “स्टेटस” को बदलने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर अजमेर दरगाह और संभल मामलों का जिक्र किया।

मुस्लिम संगठनों की प्रमुख बातें

  1. उपासना स्थल अधिनियम 1991 का पालन अनिवार्य हो:
    मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस अधिनियम का पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित किया जाए। यह अधिनियम धार्मिक स्थलों की स्थिति को 15 अगस्त 1947 के आधार पर स्थिर रखने का निर्देश देता है।
  2. ज्ञानवापी और अन्य मामलों में सर्वे के नाम पर माहौल खराब करने का आरोप:
    जमाते इस्लामी हिंद के अध्यक्ष नाजीमुद्दीन ने कहा कि सर्वे के नाम पर मस्जिदों के “स्टेटस” को समाप्त करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने इसे देश के आपसी सद्भाव को खत्म करने की साजिश बताया।
  3. संभल मामले की न्यायिक जांच:
    संभल में मस्जिद को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में मारे गए पांच युवाओं को न्याय दिलाने की मांग की गई। संगठनों ने कहा कि इन युवाओं के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो।
  4. अजमेर दरगाह को लेकर दायर याचिका निरस्त हो:
    मुस्लिम संगठनों ने मांग की कि निचली अदालत में अजमेर दरगाह को लेकर दायर याचिका को खारिज किया जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि ऐसी याचिकाओं पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन्स जारी की जाएं।
  5. वक्फ संशोधन बिल की आलोचना:
    केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम संगठनों ने मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर “कब्जे की साजिश” करार दिया।
  6. मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई का विरोध:
    जमीयत उलेमा हिंद ने कहा कि APCR महासचिव नदीम खान को निशाना बनाकर दिल्ली पुलिस ने विवादित कार्रवाई की है। उन्होंने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।

मुस्लिम संगठनों की एकता और न्याय की पुकार

संगठनों ने कहा कि संविधान और कानून की रक्षा करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि निचली अदालतों को इस तरह की याचिकाओं को खारिज करने का निर्देश दिया जाए। मुस्लिम संगठनों ने यह भी कहा कि संविधान का निर्माण सभी धर्मों और समुदायों की सहमति से हुआ है। उन्होंने सभी भारतीयों को मिलकर संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने की अपील की।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading