मनीषा शर्मा। जयपुर की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सवाई जयसिंह द्वितीय की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में राजस्थान के इतिहास को गलत ढंग से पेश किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने मेवाड़ से ढूंढाड़ और ढूंढाड़ से मारवाड़ को लड़ाने जैसी भ्रांतियों को खारिज करते हुए ब्रिटिशर्स और मुगलों द्वारा छोड़े गए गलत इतिहास को सुधारने की बात कही।
सवाई जयसिंह का योगदान अमूल्य
दीया कुमारी ने कहा कि जयपुर की वर्तमान पहचान सवाई जयसिंह द्वितीय के योगदान का परिणाम है। उनका विजन उस समय अद्वितीय था, और उन्होंने राजस्थान और भारत के लिए जो योगदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “जयपुर का इतिहास वैसा नहीं है जैसा हमें ब्रिटिशर्स और मुगलों ने बताया। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सही इतिहास को दुनिया के सामने लाएं।”
ब्रिटिशर्स और मुगलों का गलत इतिहास
दीया कुमारी ने कहा कि इतिहासकारों ने जानबूझकर राजपूत समाज और राजस्थान के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया। ब्रिटिशर्स ने राजपूत समाज के बीच फूट डालने के लिए गलत तथ्य प्रचारित किए। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस गलत इतिहास को सुधारकर सही तथ्य सामने लाए जाएं।
मेवाड़-ढूंढाड़ विवाद: भ्रांति और साजिश
दीया कुमारी ने इस बात पर जोर दिया कि राजपूत समाज के बीच संघर्ष की भ्रांतियां फैलाना ब्रिटिशर्स की राजनीतिक चाल थी। “मेवाड़ और ढूंढाड़ को लड़ाने या मारवाड़ और मेवाड़ के बीच विवाद की बातें केवल भ्रांति थीं। हमसे सच्चाई छुपाई गई और समाज को विभाजित करने की कोशिश की गई। अब सही इतिहास को दुनिया के सामने लाने का समय है।”
राजपूत समाज: एकजुटता और जिम्मेदारी
दीया कुमारी ने राजपूत समाज की एकता पर जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन समाज एक है। “हमारे पूर्वजों ने न केवल राजपूत समाज बल्कि 36 कौम की रक्षा की। हमें भी सर्व समाज के हित में काम करना चाहिए।”
युवा पीढ़ी के लिए सही इतिहास जरूरी
दीया कुमारी ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को गलत इतिहास पढ़ाया गया है। इसे सही करना अब हमारी जिम्मेदारी है। “मैं एक दायित्व पर हूं, और इस जिम्मेदारी को निभा रही हूं। समाज के सभी लोगों को मिलकर इस काम को आगे बढ़ाना होगा।”
सर्व समाज की रक्षा का आह्वान
दीया कुमारी ने राजपूत समाज से अपील की कि वे न केवल अपने समाज की रक्षा करें बल्कि पूरे सर्व समाज के हित में भी काम करें। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज को अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व होना चाहिए और इसे नई पीढ़ी तक सही रूप में पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए।