मनीषा शर्मा। समरावता प्रकरण में जेल में बंद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को सोमवार को 65 दिन बाद पहली बार उनियारा कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश किया गया। इससे पहले उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जा रहा था। कोर्ट में उनके वकील ने सुनवाई के लिए समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
समर्थकों की भीड़, लेकिन सख्त पुलिस घेराबंदी
नरेश मीणा की कोर्ट में पेशी की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक उन्हें देखने पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा रखते हुए किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया। मीडिया कर्मियों को भी उनसे दूर रखा गया।
क्या है समरावता प्रकरण?
13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने अपने गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा ने ग्रामीणों की इस मांग को सही बताते हुए उनके साथ धरने पर बैठने का निर्णय लिया। मतदान बहिष्कार के दौरान कथित रूप से तीन लोगों को जबरन वोट दिलाने का मामला सामने आया, जिसके बाद नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद 14 नवंबर को पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट के आदेश पर 15 नवंबर को जेल भेज दिया गया।
मामले में अब तक का घटनाक्रम
समरावता प्रकरण में पुलिस ने अब तक 63 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से सभी को जमानत मिल चुकी है, लेकिन नरेश मीणा अब भी जेल में हैं। उन पर इस प्रकरण से जुड़े पांच मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है SDM को थप्पड़ मारने का मामला। इस मामले में पहली बार नरेश मीणा को उनियारा कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश किया गया। इससे पहले सभी पेशियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती थीं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 जनवरी को निर्धारित की है।