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साइबर क्राइम के शिकार लोगों के लिए नया हेल्पलाइन नंबर जारी

साइबर क्राइम के शिकार लोगों के लिए नया हेल्पलाइन नंबर जारी

शोभना शर्मा।  डिजिटलाइजेशन के इस दौर में जहां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं साइबर क्राइम की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। ऑनलाइन ठगी, हैरेसमेंट और बुलिंग जैसे अपराध अब आम हो चुके हैं। ऐसे में साइबर क्राइम के शिकार लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए एक सामाजिक संगठन व्हाइट नाऊ ने हेल्पलाइन नंबर 9019115115 जारी किया है। यह हेल्पलाइन नंबर पीड़ितों को उचित सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस पर कॉल करके न केवल काउंसिलिंग ली जा सकती है, बल्कि सही फोरम पर शिकायत दर्ज कराने में भी मदद मिलेगी।

सुरक्षित ऑनलाइन कम्युनिटी बनाने की पहल

कार्यक्रम में संगठन की प्रतिनिधि नीति गोयल ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य एक सेफ ऑनलाइन यूथ कम्युनिटी बनाना है। यह कम्युनिटी युवाओं को साइबर अपराध, बुलिंग और हैरेसमेंट जैसी समस्याओं से बचने और इनसे लड़ने में सक्षम बनाएगी।
उन्होंने कहा: “हम चाहते हैं कि युवा बिना किसी डर के ऑनलाइन बातचीत कर सकें। इसके लिए आने वाले समय में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, यूथ एंबेसडर्स बनाए जाएंगे, जो इस मुहिम को और आगे बढ़ाएंगे।” संगठन का मानना है कि डिजिटलाइजेशन के साथ ही साइबर क्राइम सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इसके समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।

साइबर क्राइम के बढ़ते मामले और पुलिस की पहल

कार्यक्रम में मौजूद साइबर सेल के एसपी शांतनु कुमार ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि: “2024 में साइबर ठगी के रिकॉर्ड मामले दर्ज हुए हैं। यह दिखाता है कि साइबर अपराध अब बड़ी चुनौती बन चुके हैं। इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।”

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से लोगों को तत्काल सहायता मिल सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन द्वारा तैयार एमओयू का ड्राफ्ट अधिकारियों के साथ साझा किया गया है, और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

हेल्पलाइन पर मिलेंगी ये सेवाएं

व्हाइट नाऊ द्वारा जारी किए गए इस हेल्पलाइन नंबर 9019115115 पर कॉल करके पीड़ित निम्नलिखित सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं:

  1. काउंसिलिंग: साइबर क्राइम, बुलिंग, या हैरेसमेंट के शिकार लोगों को मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए काउंसिलिंग प्रदान की जाएगी।

  2. शिकायत दर्ज कराने में मदद: सही फोरम पर शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में सहायता मिलेगी।

  3. जागरूकता: साइबर क्राइम से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

जागरूकता अभियानों की शुरुआत

संगठन ने इस पहल के तहत विभिन्न जागरूकता अभियानों की शुरुआत करने की योजना बनाई है। इसके लिए स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थानों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
नीति गोयल ने कहा कि यूथ एंबेसडर्स की नियुक्ति से यह मुहिम और भी प्रभावी बनेगी। इन एंबेसडर्स के जरिए लोग साइबर क्राइम के खतरों और इससे बचने के तरीकों के बारे में जान सकेंगे।

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