मनीषा शर्मा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) वॉलेट के जरिए फंड ट्रांसफर को और सरल और सुरक्षित बनाने के लिए एक नया नियम जारी किया है। अब ग्राहक अपने UPI वॉलेट को किसी भी थर्ड पार्टी ऐप के जरिए एक्सेस कर पाएंगे और इसका उपयोग डिजिटल पेमेंट के लिए कर सकेंगे।
RBI के इस फैसले के तहत प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) रखने वाले ग्राहक थर्ड पार्टी UPI ऐप्स के माध्यम से अपने वॉलेट से फंड ट्रांसफर कर सकेंगे। हालांकि, इसके लिए PPI वॉलेट धारकों को KYC पूरा करना अनिवार्य होगा।
डिजिटल पेमेंट को सुगम बनाने की पहल
RBI का यह कदम डिजिटल पेमेंट को सहज और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस बदलाव के बाद ग्राहक PPI वॉलेट से न केवल भुगतान कर पाएंगे, बल्कि UPI के जरिए पैसे भी भेज सकेंगे।
फिलहाल, बैंक अकाउंट से जुड़े UPI ट्रांजैक्शन केवल उसी ऐप से किए जा सकते हैं, जिसमें आपका अकाउंट रजिस्टर्ड है। लेकिन नए नियमों के अनुसार, अब PPI वॉलेट धारक किसी भी UPI ऐप का उपयोग करके ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।
क्या है PPI वॉलेट और इसके फायदे?
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) वॉलेट ऐसे डिजिटल वॉलेट हैं, जो बैंक खाते से जुड़े बिना काम करते हैं। इनमें आप नकद, बैंक ट्रांसफर या UPI के जरिए पैसे जमा कर सकते हैं और इसका उपयोग पेमेंट के लिए कर सकते हैं।
PPI वॉलेट के प्रमुख उदाहरण:
- गिफ्ट कार्ड
- मेट्रो रेल कार्ड
- डिजिटल पेमेंट ऐप्स (गूगल पे, फोन पे आदि)
PPI वॉलेट का उपयोग अब तक सीमित था, लेकिन नए नियम के बाद इन्हें अन्य UPI ऐप्स से भी जोड़ा जा सकेगा।
UPI वॉलेट ट्रांसफर में क्या बदलेगा?
पहले:
- वॉलेट से ट्रांजैक्शन केवल उसी ऐप से संभव था।
- UPI ट्रांजैक्शन के लिए बैंक अकाउंट लिंक करना जरूरी था।
अब:
PPI वॉलेट से किसी भी UPI ऐप पर फंड ट्रांसफर किया जा सकेगा।
PPI वॉलेट को KYC के जरिए सुरक्षित बनाया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट का दायरा और बढ़ेगा।
UPI और PPI वॉलेट का संचालन
UPI का संचालन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा किया जाता है। NPCI ने RTGS और NEFT के अलावा IMPS और RuPay जैसे अन्य पेमेंट सिस्टम को भी विकसित किया है।
UPI का महत्व:
UPI ने भारत में डिजिटल पेमेंट को एक नया आयाम दिया है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें बैंक डिटेल्स की जरूरत नहीं पड़ती। UPI आईडी या मोबाइल नंबर के जरिए आसानी से ट्रांजैक्शन किया जा सकता है।
PPI वॉलेट ट्रांसफर के लिए KYC क्यों जरूरी है?
RBI ने PPI वॉलेट को सुरक्षित बनाने के लिए KYC अनिवार्य किया है। KYC प्रक्रिया के जरिए ग्राहक की पहचान सत्यापित की जाती है, जिससे फ्रॉड और अवैध ट्रांजैक्शन पर रोक लगाई जा सके।
KYC के लाभ:
डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा
फेक अकाउंट्स पर रोकथाम
लेन-देन का बेहतर ट्रैकिंग
डिजिटल पेमेंट में आने वाले बदलाव
RBI के इस फैसले से डिजिटल पेमेंट में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इनमें प्रमुख हैं:
पेमेंट की प्रक्रिया होगी सरल: ग्राहक किसी भी UPI ऐप से वॉलेट एक्सेस कर सकेंगे।
फ्रॉड पर लगेगी रोक: KYC के जरिए वॉलेट को सुरक्षित बनाया जाएगा।
पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में होगी प्रतिस्पर्धा: बैंक और नॉन-बैंक दोनों PPI वॉलेट जारी कर सकेंगे।
UPI कैसे करता है काम?
UPI एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के जरिए काम करता है। यह VPA बैंक अकाउंट से लिंक होता है, जिससे ग्राहक को बैंक डिटेल्स जैसे अकाउंट नंबर, IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती।
UPI का उपयोग:
पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए
यूटिलिटी बिल पेमेंट
ऑनलाइन शॉपिंग
- रिचार्ज और बिल भुगतान