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रेलवे रियायत कार्ड के लिए कोटा DRMऑफिस जाने की जरूरत नहीं

रेलवे रियायत कार्ड के लिए कोटा DRMऑफिस जाने की जरूरत नहीं

मनीषा शर्मा।  रेलवे ने दिव्यांग यात्रियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है, जिससे उन्हें रियायत कार्ड बनवाने के लिए बार-बार रेलवे कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब वे घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके आसानी से रियायत कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा से दिव्यांग यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय किराए में छूट मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा और भी सरल हो जाएगी।

कैसे करें आवेदन?

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन के अनुसार, रेलवे द्वारा दिव्यांगजन रियायत कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत इच्छुक आवेदकों को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट https://divyangjanid.indianrail.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।

एक बार जब सभी दस्तावेज सत्यापित हो जाते हैं, तो रियायत कार्ड जारी किया जाएगा, जिसकी सूचना आवेदक को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। आवेदन करते समय आवेदकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे सभी जानकारी और दस्तावेज सही एवं स्पष्ट रूप में अपलोड करें, अन्यथा उनका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।

किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता?

ऑनलाइन आवेदन के दौरान निम्नलिखित दस्तावेजों को अपलोड करना अनिवार्य होगा:

  1. मेडिकल प्रमाणपत्र – किसी सरकारी अस्पताल या अधिकृत डॉक्टर द्वारा जारी किया गया होना चाहिए।
  2. रियायत प्रमाणपत्र – रेलवे द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र।
  3. पासपोर्ट साइज फोटो – हाल ही में खींची गई तस्वीर।
  4. पता प्रमाण पत्र – आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र या राशन कार्ड में से कोई एक।
  5. फोटो पहचान पत्र – आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या जन आधार कार्ड।
  6. जन्मतिथि प्रमाण पत्र – जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं कक्षा की अंकतालिका, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या नोटरी द्वारा जारी शपथ पत्र।

आवेदकों को यह ध्यान देना होगा कि वे सभी दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित (Self-Attested) कॉपी अपलोड करें।

क्या हैं इस रियायत कार्ड के फायदे?

  1. किराए में छूट – रियायत कार्डधारी दिव्यांगजन को रेलवे टिकट पर विशेष छूट प्रदान की जाती है।

  2. ई-टिकट पर भी सुविधा उपलब्ध – अब यह रियायत ई-टिकट बुकिंग पर भी मान्य होगी।

  3. परिचारक के साथ यात्रा करने की सुविधा – दिव्यांग यात्री एक सहायक या परिचारक के साथ यात्रा कर सकते हैं, जिसे भी कुछ रियायत मिलती है।

  4. डीआरएम कार्यालय जाने की जरूरत नहीं – अब आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन किया जा सकता है, जिससे यात्रियों को अनावश्यक परेशानी से राहत मिलेगी।

कोटा मंडल में ऑनलाइन सुविधा का धीमा प्रसार

रेलवे द्वारा ऑनलाइन आवेदन की यह सुविधा तो शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी भी दिव्यांगजन इस सुविधा का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक के अनुसार, कोटा मंडल में अब तक ऑनलाइन माध्यम से मात्र 19 रियायत कार्ड ही जारी किए गए हैं, जबकि ऑफलाइन माध्यम से 135 कार्ड बनाए गए हैं।

ज्यादा जानकारी कहां से प्राप्त करें?

अगर किसी आवेदक को आवेदन प्रक्रिया या दस्तावेजों के बारे में कोई संदेह हो, तो वे कोटा डीआरएम कार्यालय के वाणिज्य शाखा में कार्यदिवस के दौरान संपर्क कर सकते हैं। रेलवे की इस नई पहल से लाखों दिव्यांग यात्रियों को राहत मिलेगी और वे बिना किसी दिक्कत के अपने लिए रियायत कार्ड बनवा सकेंगे। यदि इस ऑनलाइन प्रणाली को व्यापक रूप से अपनाया जाता है, तो इससे दिव्यांगजनों के लिए रेलवे यात्रा और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।

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