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बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी कोर्स में अब NEET नहीं

बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी कोर्स में अब NEET नहीं

मनीषा शर्मा।  राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) में नए कुलपति के आते ही पुराने फैसलों में बदलाव शुरू हो गया है। हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल और बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी (BPT) कोर्स में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा की अनिवार्यता को हटा दिया है। इसके स्थान पर इस साल फिर से RUHS खुद अपना एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करेगा, जिसके आधार पर कॉलेजों में दाखिले होंगे।

नए वीसी के आने के बाद बदला फैसला

RUHS के पूर्व कार्यवाहक वीसी डॉ. धनंजय अग्रवाल के कार्यकाल में यह निर्णय लिया गया था कि सत्र 2025-26 से नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी कोर्स में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा अनिवार्य होगी। इस फैसले के विरोध में राजस्थानभर में सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन किए थे। RUHS परिसर के बाहर भी छात्रों ने नारेबाजी करते हुए इस निर्णय को बदलने की मांग की थी। छात्रों का मुख्य तर्क था कि NEET के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 मार्च है और उनके पास तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं है। 6 मार्च से 12वीं बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, और इसके बाद NEET परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों के पास केवल दो महीने का ही समय रहेगा। इस छोटी अवधि में NEET जैसे कठिन एग्जाम की तैयारी करना मुश्किल होगा।

कब लागू होगी NEET अनिवार्यता?

RUHS प्रशासन द्वारा जारी संशोधित अधिसूचना (Revised Notification) के अनुसार, अब बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी कोर्स में NEET की अनिवार्यता को अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू किया जाएगा। यानी कि इस साल (2025-26) प्रवेश के लिए छात्रों को RUHS द्वारा आयोजित होने वाली एंट्रेंस परीक्षा देनी होगी, जबकि अगले साल से NEET स्कोर के आधार पर प्रवेश होगा

छात्रों ने क्यों किया था विरोध?

NEET को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ छात्रों में भारी असंतोष था। उनका कहना था कि-

  1. NEET की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं – NEET परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को महीनों का समय चाहिए, लेकिन वे 12वीं बोर्ड परीक्षा में व्यस्त हैं।
  2. NEET आवेदन की अंतिम तिथि 7 मार्च – बहुत से छात्र पहले से इस बदलाव की जानकारी न होने के कारण NEET के लिए आवेदन ही नहीं कर सके।
  3. अचानक फैसला लागू करना अन्यायपूर्ण – यह फैसला अचानक लिया गया, जिससे हजारों छात्र प्रभावित हो सकते थे।
  4. अलग-अलग स्तर की परीक्षाएं – नर्सिंग और पैरामेडिकल के लिए NEET की कठिनाई का स्तर काफी ऊंचा होता है, जबकि अभी तक इन पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करता रहा है।

छात्रों ने इस फैसले के खिलाफ RUHS प्रशासन से कई बार अनुरोध किया, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। RUHS परिसर के बाहर सैकड़ों छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया और तत्कालीन वीसी डॉ. धनंजय अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी की

अब कैसे होगा एडमिशन?

अब नए आदेश के अनुसार, सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए RUHS स्वयं एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करेगा। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से नर्सिंग, पैरामेडिकल और बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी कोर्स में एडमिशन मिलेगा। NEET परीक्षा अब केवल सत्र 2026-27 से लागू होगी, जिससे छात्रों को तैयारी के लिए पूरा एक साल का समय मिल सकेगा।

छात्रों को मिली बड़ी राहत

छात्रों के विरोध और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए नए वीसी ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिससे हजारों छात्रों को राहत मिली है। अब वे अपनी 12वीं बोर्ड परीक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और RUHS द्वारा आयोजित एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी कर सकते हैं। इस निर्णय के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों में खुशी की लहर है। RUHS प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि अगला शैक्षणिक सत्र (2026-27) से नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी कोर्स में प्रवेश के लिए NEET स्कोर अनिवार्य होगा, लेकिन इस साल पुरानी प्रक्रिया ही लागू रहेगी।

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