मनीषा शर्मा। राजस्थान में PTI (शारीरिक शिक्षा शिक्षक) भर्ती परीक्षा 2022 को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच के बाद अब कर्मचारी चयन आयोग ने इस परीक्षा में सफल हुए 52 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया है और उनसे 15 दिनों के भीतर अपने दस्तावेजों की पुनः सत्यापन (री-वेरिफिकेशन) करवाने को कहा है। इसके लिए आयोग ने सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि अभ्यर्थियों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर यह कार्य नहीं किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट का मामला
इस विवाद की जड़ें फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट से जुड़ी अनियमितताओं में पाई गई हैं। SOG की जांच में चूरू जिले के राजगढ़ में स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया है, जिसे संदेह के घेरे में रखा गया है। SOG ने इस यूनिवर्सिटी से जुड़े दस्तावेजों में गड़बड़ियों का संकेत देते हुए वहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की डिग्रियों की सत्यता पर सवाल उठाए हैं।
SOG की जांच के बाद, कर्मचारी चयन आयोग ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के बीपीएड कोर्स में बिना काउंसलिंग प्रवेश पाने वाले 19 अभ्यर्थियों और विभिन्न डिग्री और डिप्लोमा कोर्स करने वाले 33 अन्य अभ्यर्थियों से उनके दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इन दस्तावेजों में उनके प्रवेश संबंधी प्रमाण पत्र, मार्कशीट, एनरोलमेंट नंबर और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं, जिनकी पुनः जाँच की जाएगी।
दस्तावेजों की पुनः जांच पर विशेष जोर
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से बोर्ड सख्ती से कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि PTI भर्ती परीक्षा 2022 के दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच के दौरान कई अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में अनियमितताएं सामने आई हैं। इन अभ्यर्थियों को अब 15 दिन का समय दिया गया है, ताकि वे अपने दस्तावेजों को दोबारा सत्यापित करवा सकें। आलोक राज ने चेतावनी दी है कि यदि अभ्यर्थी इस समय सीमा के भीतर अपने दस्तावेज पेश करने में असफल रहते हैं, तो बोर्ड नियमानुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा, जिसमें उनकी भर्ती को रद्द करने जैसी कार्रवाई भी शामिल हो सकती है।
OPJS यूनिवर्सिटी पर संदेह
राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट के मामलों में पिछले कुछ समय से OPJS यूनिवर्सिटी का नाम बार-बार आ रहा है। SOG की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस यूनिवर्सिटी से कुछ अभ्यर्थियों ने बिना काउंसलिंग के सीधे बीपीएड कोर्स में प्रवेश लिया, जो नियमों के खिलाफ है। इसके अतिरिक्त, कई डिग्री और डिप्लोमा कोर्स में गड़बड़ियों का भी संदेह है, जिसके चलते ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी दस्तावेजों की पुनः जांच की जा रही है।
पारदर्शिता की ओर कदम
कर्मचारी चयन बोर्ड का यह कदम भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। यह राज्य के उन अभ्यर्थियों के लिए एक संदेश भी है कि जो अपने दस्तावेजों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं करते हैं या फिर धोखाधड़ी के माध्यम से भर्ती प्रक्रियाओं का हिस्सा बनने की कोशिश करते हैं। भर्ती परीक्षाओं में लगातार बढ़ते फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बोर्ड ने अपनी जांच प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाने का संकल्प लिया है।