मनीषा शर्मा। राजस्थान में चल रहे टोबैको फ्री यूथ कैम्पेन 2.0 की गतिविधियों को ठीक से संचालित नहीं करने और रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजने पर राज्य के 15 जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को नोटिस जारी किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को तंबाकू के नुकसान के प्रति जागरूक करना और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना था, लेकिन कई जिलों में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
अभियान की शुरुआत और उद्देश्य
राज्य सरकार ने 26 सितंबर से 60 दिनों तक चलने वाला “टोबैको फ्री यूथ कैम्पेन 2.0” शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को तंबाकू सेवन से होने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूक करना था। इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों के बाहर तंबाकू उत्पादों जैसे गुटखा, सिगरेट, तंबाकू आदि बेचने वालों पर सख्त कार्यवाही की जानी थी। इसके साथ ही, अभियान में सोशल एक्टिविटी के जरिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने थे।
डेली रिपोर्टिंग और लापरवाही
इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक सीएमएचओ को दैनिक आधार पर अपने जिले में की गई गतिविधियों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजनी थी। लेकिन, 15 जिलों के सीएमएचओ ने न तो अभियान के तहत जागरूकता फैलाई और न ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी। इस लापरवाही पर फूड सेफ्टी कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी जताई है।
समीक्षा बैठक में सामने आई कमी
हाल ही में हुई टोबैको फ्री यूथ कैम्पेन की समीक्षा बैठक के दौरान इस लापरवाही का खुलासा हुआ। बैठक में फूड सेफ्टी कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी सीएमएचओ को कारण बताने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बूंदी, डीडवाना-कुचामन, गंगापुर सिटी, नीमकाथाना, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, डीग, कोटपूतली-बहरोड़, बालोतरा, दूदू, फलौदी, सांचोर, केकड़ी, शाहपुरा, और सलूम्बर के सीएमएचओ को नोटिस जारी किया।
नशीली दवाओं की निगरानी के निर्देश
बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिए गए कि सभी प्राधिकृत अधिकारी (ADC, DCO) अपने क्षेत्र में नशीली दवाओं की बिक्री-खरीद पर विशेष निगरानी रखें। इसके लिए उन्हें एनडीपीएस एक्ट के तहत त्वरित कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है, जिससे अवैध नशीली दवाओं की तस्करी और उपयोग को रोका जा सके।