latest-newsहेल्थ

भारतीयों में पोषक तत्वों की कमी: एक बड़ी समस्या

भारतीयों में पोषक तत्वों की कमी: एक बड़ी समस्या

शोभना शर्मा,  अजमेर।  ग्लोबल हेल्थ जर्नल ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, भारतीयों में आयरन, कैल्शियम, फोलेट, जिंक और मैग्नीशियम की कमी व्यापक रूप से देखी जा रही है। यह कमी हमारी डाइट में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है, जो हमारे शरीर की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा की गई इस स्टडी में यह पाया गया है कि भारत समेत दुनिया के 70% लोग पर्याप्त मात्रा में जरूरी पोषक तत्वों का सेवन नहीं कर रहे हैं।

भारत में विशेष रूप से आयरन, कैल्शियम, फोलेट, जिंक और मैग्नीशियम की कमी देखने को मिल रही है। इन पोषक तत्वों की कमी से शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आगे जानिए, ये पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं और इन्हें डाइट में शामिल कर कमी को कैसे दूर किया जा सकता है।

आयरन की कमी और इसके प्रभाव

आयरन हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है जो रक्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जो थकान, कमजोरी और शारीरिक व मानसिक विकास में रुकावट का कारण बन सकता है। भारत में आयरन की कमी एक सामान्य समस्या है, खासकर महिलाओं और बच्चों में।

आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आहार:
पालक, बीन्स, रेड मीट, चिकन, मछली, नट्स और साबुत अनाज आयरन से भरपूर होते हैं।

कैल्शियम की कमी और इसके प्रभाव

कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए सबसे जरूरी मिनरल है। शरीर में 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से संबंधित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, कैल्शियम की कमी से दिल की समस्याएं और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आहार:
दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, तिल और सोया उत्पाद कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं।

फोलेट की कमी और इसके प्रभाव

फोलेट, जिसे विटामिन B9 के रूप में भी जाना जाता है, शरीर में डीएनए निर्माण और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट की कमी बहुत हानिकारक हो सकती है, क्योंकि यह बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है। इसकी कमी से बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट हो सकता है, जिससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में समस्याएं हो सकती हैं।

फोलेट की कमी को पूरा करने के लिए आहार:
हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरे, चुकंदर, ब्रोकली और दालें फोलेट के अच्छे स्रोत हैं।

जिंक की कमी और इसके प्रभाव

जिंक शरीर के मेटाबॉलिज्म, इम्यून सिस्टम और कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जिंक की कमी बच्चों के विकास में रुकावट डाल सकती है और त्वचा की समस्याएं भी पैदा कर सकती है।

जिंक की कमी को पूरा करने के लिए आहार:
नट्स, बीज, साबुत अनाज, मांस और मछली जिंक के बेहतरीन स्रोत हैं।

मैग्नीशियम की कमी और इसके प्रभाव

मैग्नीशियम शरीर में 600 से ज्यादा रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए जरूरी है। यह मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के सही कामकाज में मदद करता है। मैग्नीशियम की कमी से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए आहार:
मेवे, बीन्स, सोया, हरी पत्तेदार सब्जियां और चॉकलेट मैग्नीशियम के बेहतरीन स्रोत हैं।

भारत में पोषक तत्वों की कमी एक बड़ी समस्या है, जो हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। आयरन, कैल्शियम, फोलेट, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए हमें संतुलित आहार लेना जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी उत्पाद, नट्स और मांसाहारी खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को इन पोषक तत्वों की पूर्ति करने में मदद कर सकते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए संतुलित और पोषण से भरपूर आहार का सेवन ही सबसे अच्छा उपाय है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading