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आंगनबाड़ी केंद्र की नौकरी के लिए रिश्वत लेते पकड़ा गया अधिकारी

आंगनबाड़ी केंद्र की नौकरी के लिए रिश्वत लेते पकड़ा गया अधिकारी

शोभना शर्मा। राजस्थान के महिला एवं बाल विकास विभाग में घूसखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। विभाग के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी रामकिशन कुम्हार को ACB (Anti-Corruption Bureau) ने 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जयपुर के पुराने शहर के बिसायती मोहल्ले में एक शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें कुम्हार पर आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका की नौकरी दिलाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था।

शिकायत और रिश्वत की मांग

मामले की शुरुआत तब हुई जब बिसायती मोहल्ले के रहने वाले अली हुसैन ने ACB को शिकायत दर्ज कराई। हुसैन ने बताया कि उनकी बहन फरहानाज के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका की नौकरी के लिए अधिकारी कुम्हार ने 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। कुम्हार ने बाद में यह सौदा 15,000 रुपये में तय किया।

अली हुसैन की शिकायत के अनुसार, रामकिशन कुम्हार ने नौकरी के चयन के बदले पैसे मांगते हुए उन्हें मजबूर किया। शिकायत मिलने पर ACB ने तत्काल मामले की जांच शुरू की और जाल बिछाकर अधिकारी को पकड़ने की योजना बनाई।

ACB की कार्रवाई और अधिकारी की गिरफ्तारी

ACB के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने ट्रेप का आयोजन किया। बुधवार को योजना के तहत टीम ने रामकिशन कुम्हार को अली हुसैन से 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। ACB की यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार को उजागर करती है, जहां नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों से घूस की मांग की जा रही थी।

गिरफ्तारी के बाद, ACB की टीम ने कुम्हार से पूछताछ शुरू की और महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में भी कार्यवाही जारी है। फिलहाल, ACB अधिकारी इस मामले में अन्य संभावित कड़ियों की भी जांच कर रहे हैं ताकि विभाग में किसी और भ्रष्ट गतिविधि का पर्दाफाश किया जा सके।

घूसखोरी का जाल और उम्मीदवारों का शोषण

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी रामकिशन कुम्हार द्वारा की गई रिश्वत की मांग का मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि यह न केवल सरकारी सिस्टम के भ्रष्ट होने का संकेत देता है, बल्कि नौकरी पाने के इच्छुक उम्मीदवारों का शोषण भी दिखाता है।

कुम्हार जैसे अधिकारियों की घूसखोरी के कारण कई योग्य उम्मीदवार सरकारी नौकरी पाने से वंचित रह जाते हैं और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी पैसे के दम पर अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरी दिलाने में लगे रहते हैं। इससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

रिश्वत और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम की जरूरत

ACB की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सरकारी नौकरी में पारदर्शिता और न्याय की स्थापना हो सके।

इस घटना ने आम जनता के बीच यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। अगर लोग ACB या अन्य जांच एजेंसियों को सूचित करेंगे, तो घूसखोर अधिकारियों को पकड़ा जा सकता है और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।

ACB की अपील और आगे की कार्रवाई

ACB ने आम जनता से अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत ACB को सूचित करें। ACB इस तरह के मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करेगी।

फिलहाल, रामकिशन कुम्हार के खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही चल रही है और ACB की टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि इस मामले में सभी दोषियों को कड़ी सजा मिले। ACB की यह कार्रवाई न केवल एक भ्रष्ट अधिकारी को पकड़ने की कहानी है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में समाज को एकजुट होना होगा।

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