मनीषा शर्मा। देशभर में ओला इलेक्ट्रिक के कुछ शोरूम्स पर हुई छापेमारी के बाद सोमवार को कंपनी के शेयर में 5.61% की गिरावट दर्ज की गई। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का शेयर 3 रुपए टूटकर 53.36 रुपए पर बंद हुआ।
शोरूम्स पर छापेमारी, वाहनों की जब्ती
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने देशभर में कई ओला इलेक्ट्रिक शोरूम्स पर छापेमारी की। छानबीन के दौरान सामने आया कि कई शोरूम्स के पास ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं थे, जो मोटर व्हीकल्स की बिक्री और डिस्प्ले के लिए अनिवार्य होते हैं। इस वजह से अधिकारियों ने कुछ शोरूम्स को बंद कर दिया और कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स जब्त कर लिए। इसके अलावा, ओला इलेक्ट्रिक को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
4,000 में से सिर्फ 100 शोरूम्स के पास वैध सर्टिफिकेट
ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 से अधिक शोरूम्स खोले हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, 3,400 शोरूम्स का ही आधिकारिक डेटा उपलब्ध है। इन 3,400 में से सिर्फ 100 शोरूम्स के पास मोटर व्हीकल एक्ट के तहत आवश्यक ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक शोरूम्स अनरजिस्टर्ड टू-व्हीलर्स को डिस्प्ले, बिक्री और टेस्ट राइड के लिए उपयोग कर रहे थे, जबकि उनके पास इसके लिए आवश्यक बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं था।
ओला इलेक्ट्रिक का जवाब: “कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण”
ओला इलेक्ट्रिक ने छापेमारी और व्हीकल जब्ती को अनुचित बताते हुए कहा कि यह गलत और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, “हमारे डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है, जो मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करती है। हमारे पास सभी आवश्यक मंजूरियां हैं।” हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने अपने शोरूम्स पर छापेमारी को लेकर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 65% तक गिरा
ओला इलेक्ट्रिक का स्टॉक अगस्त 2024 में लिस्टिंग के बाद से अपने ऑल-टाइम हाई 157.53 रुपए से 65% गिर चुका है।
- पिछले एक महीने में ही इसके शेयरों में 20% की गिरावट दर्ज की गई है।
- दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% रह गई थी।
1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी
शेयर बाजार में गिरावट और बिक्री में कमी के कारण ओला इलेक्ट्रिक अब 1,000 से अधिक कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी करने की योजना बना रही है। कंपनी अपने बढ़ते घाटे को कम करने के लिए यह कदम उठा रही है। इस छंटनी से प्रोक्योरमेंट, फुलफिलमेंट, कस्टमर रिलेशन्स और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे विभाग प्रभावित होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छंटनी ओला इलेक्ट्रिक की कॉस्ट कटिंग रणनीति का हिस्सा है।
ओला इलेक्ट्रिक की चुनौतियां बढ़ीं
ओला इलेक्ट्रिक पहले ही बिक्री में गिरावट, बाजार हिस्सेदारी के नुकसान और छंटनी जैसी समस्याओं से जूझ रही थी। अब शोरूम्स पर छापेमारी और वाहनों की जब्ती ने कंपनी की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। निवेशकों में भी चिंता बढ़ गई है, जिसका असर कंपनी के शेयरों पर साफ नजर आ रहा है। अब यह देखना होगा कि ओला इलेक्ट्रिक इन चुनौतियों से कैसे निपटती है और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाती है।