शोभना शर्मा, अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ में देश-विदेश से श्रद्धालु जुटे। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूख अब्दुल्ला की ओर से सोमवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश की गई। चादर पेश करने का जिम्मा जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अहमद मीर और हजरत बल श्रीनगर दरगाह के खतीब के इमाम को सौंपा गया।
अजमेर शरीफ पहुंचे प्रतिनिधियों ने उमर अब्दुल्ला और फारूख अब्दुल्ला की ओर से मखमली चादर और अकीदत के फूल दरगाह के खादिम फखरे मोइन की सदारत में गरीब नवाज की मजार पर पेश किए। चादर पेश करते हुए मुल्क के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में भी अमन-चैन, खुशहाली और भाईचारा कायम रहने की दुआ मांगी गई।
देश में सौहार्द और भाईचारा कायम रखने की अपील
चादर पेश करने के बाद प्रतिनिधियों ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिन्हें सुल्ताने हिंद के नाम से भी जाना जाता है, के 813वें उर्स की बधाई दी। उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला और फारूख अब्दुल्ला ने यह संदेश दिया कि देश में सौहार्द और भाईचारा बना रहना चाहिए। दोनों नेताओं ने अपील की कि लोग आपसी भेदभाव को भुलाकर प्रेम और सद्भाव के साथ जीवन बिताएं।
फारूख अब्दुल्ला के स्वास्थ्य के लिए भी मांगी दुआ
प्रतिनिधियों ने दरगाह पर फारूख अब्दुल्ला के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विशेष दुआ मांगी। उमर अब्दुल्ला की ओर से इस दुआ के साथ एक संदेश भी दिया गया कि देश को अंदरूनी स्तर पर चल रही साजिशों से बचाना जरूरी है।
ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश और देश की एकता
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को उनकी शिक्षा और उपदेशों के लिए याद किया जाता है, जो प्रेम, सहिष्णुता और मानवता पर आधारित थे। उनके 813वें उर्स पर यह चादर पेश करना उनके संदेश को जीवित रखने का एक प्रतीक है। यह आयोजन देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को जोड़ता है और धर्म व जाति से परे एकता का संदेश देता है।