शोभना शर्मा। राजस्थान में साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। आए दिन ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे प्रदेश की जनता में दहशत का माहौल है। सरकार ने साइबर अपराधों को रोकने के लिए ‘साइबर शील्ड’ ऑपरेशन चलाया है, लेकिन इसके बावजूद ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। हाल ही में भरतपुर में सरसों के खेत में चल रहे साइबर ठगी के ठिकाने का खुलासा हुआ था। अब डीडवाना जिले में ऑनलाइन सट्टा और ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है।
डीडवाना में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़
डीडवाना के गच्छीपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस और साइबर सेल की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन सट्टा और साइबर ठगी में लिप्त दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों की पहचान श्रवणराम और हरेंद्र चौयल के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से दो लैपटॉप, 12 मोबाइल फोन, 6 फर्जी सिम कार्ड, 20 एटीएम कार्ड और एक वाई-फाई राउटर बरामद किया। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपियों के पास से करोड़ों रुपए के लेन-देन का विवरण भी मिला है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह बड़े स्तर पर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
ऑनलाइन गेमिंग के जरिए करते थे ठगी
डीडवाना एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गच्छीपुरा थाना क्षेत्र के मीदियान गांव में स्थित एक घर में यह गिरोह ऑनलाइन सट्टा और ठगी का नेटवर्क चला रहा था। पुलिस को इस गिरोह की जानकारी प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से मिली। शिकायत की जांच करते हुए पुलिस ने जब आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की, तो यह गिरोह मीदियान गांव में सक्रिय पाया गया। जब पुलिस ने मौके पर छापा मारा, तो मुख्य आरोपी बाबूलाल और उसके दो साथी खिड़की से कूदकर फरार हो गए। हालांकि, पुलिस ने श्रवणराम और हरेंद्र चौयल को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वे ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट्स जैसे reddypanel.com और mdpanel का उपयोग करके लोगों को फंसाते थे।
कैसे होती थी ठगी?
आरोपी लोगों को ऑनलाइन सट्टा खेलने का झांसा देकर उनकी निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद, इनकी आईडी और पासवर्ड बनाकर उन्हें गेमिंग वेबसाइट पर लॉगिन कराया जाता था। जब लोग पैसे लगाते थे, तो आरोपी वह पैसा उधार के बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। पैसों को निकालने के लिए यह लोग एटीएम कार्ड, फर्जी सिम कार्ड और अन्य ऑनलाइन तरीकों का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बरामद लैपटॉप में इन वेबसाइट्स की लॉगिन डिटेल्स भी पाई हैं, जिससे इनके अपराधों की पुष्टि हुई है।
बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन
डीडवाना एसपी ने बताया कि हरेंद्र के चार बैंक खातों की जांच में साइबर ठगी के तीन मामले सामने आए हैं, जिनमें कुल 5 लाख रुपये की ठगी की गई थी। इन खातों को बैंकों द्वारा फ्रीज कर दिया गया है। इसके अलावा, आरोपियों के मोबाइल में करोड़ों रुपये के लेन-देन के स्क्रीनशॉट भी मिले हैं। यह इस बात का सबूत है कि गिरोह बड़े पैमाने पर साइबर अपराधों में शामिल था। पुलिस को शक है कि गिरोह ने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है।
फरार आरोपी बाबूलाल की तलाश जारी
इस मामले में मुख्य आरोपी बाबूलाल अभी फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न जगहों पर दबिश दे रही है। फिलहाल, पकड़े गए आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
राजस्थान में साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती
राजस्थान में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ठग नई-नई तकनीकों और तरीकों का इस्तेमाल करके लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग, फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके ठगी के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। सरकार ने ‘साइबर शील्ड’ ऑपरेशन शुरू करके इस समस्या को रोकने का प्रयास किया है। हालांकि, इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने कई बड़ी कार्रवाई की है, लेकिन अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर आम जनता को धोखा देना जारी रखा है।
पुलिस की अपील
एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग जैसी गतिविधियों से दूर रहें। अगर किसी व्यक्ति को ऐसे गिरोह के बारे में जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करे।