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राजस्थान में स्कूल और कोचिंग वाहनों की सख्त जांच का आदेश

राजस्थान में स्कूल और कोचिंग वाहनों की सख्त जांच का आदेश

शोभना शर्मा।  राजस्थान में जयपुर के चोमू में हुए एक दुखद बस हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी स्कूल और कोचिंग संस्थानों द्वारा उपयोग की जा रही बाल वाहनों की जांच के सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह हादसा शुक्रवार को हुआ, जिसमें छात्रों से भरी एक बस निर्माणाधीन पुलिया में गिर गई। इस दुर्घटना में एक शिक्षक की मौत हो गई, जबकि कई छात्र घायल हो गए। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना पर गंभीरता दिखाते हुए सख्त कार्रवाई करने और दोषियों पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, सभी स्कूलों और कोचिंग वाहनों के दस्तावेज और फिटनेस प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए गए हैं।

चोमू बस हादसे की पूरी कहानी

जयपुर जिले के चोमू क्षेत्र में शुक्रवार को एक बस हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर भोज लावा कट के पास हुआ। बस में 30 छात्र सवार थे और यह सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट की थी। बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण निर्माणाधीन पुलिया में गिरने से एक शिक्षक, आनंदी लाल, की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक छात्र के हाथ में फ्रेक्चर हुआ है। घटना के बाद मौके पर राहत और बचाव कार्य किया गया और घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

शिक्षा विभाग का कड़ा रुख

इस हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कड़ा रुख अपनाते हुए इस प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त न करने की बात कही। उन्होंने कहा कि, “शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है।” मंत्री ने चोमू के सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट के खिलाफ FIR दर्ज करने और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा: “दुर्घटना में घायल विद्यार्थियों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।”

 स्कूल और कोचिंग वाहनों की जांच का अभियान

शिक्षा विभाग ने चोमू हादसे के बाद एक व्यापक जांच अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत सभी स्कूल और कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने वाहनों के सभी दस्तावेज, जैसे परमिट, फिटनेस प्रमाणपत्र और बीमा दस्तावेज, 1 फरवरी तक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।

जांच का मुख्य उद्देश्य:

  1. वाहनों की फिटनेस और सुरक्षा मानकों की जांच।

  2. बाल वाहनों के परमिट और लाइसेंस की वैधता सुनिश्चित करना।

  3. पुराने और खटारा वाहनों को संचालन से रोकना।

  4. बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

परिवहन विभाग के आयुक्त को भी इन वाहनों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।

सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट पर FIR दर्ज

चोमू हादसे में दोषी पाए गए सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह पाया गया कि हादसे का शिकार हुई बस वर्षों पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। हादसे के समय बस में छात्रों के साथ-साथ संस्थान के शिक्षक भी मौजूद थे। शिक्षा विभाग के अनुसार, यह बस बिना आवश्यक फिटनेस प्रमाणपत्र के संचालित हो रही थी।

ठंडी की छुट्टियों के बीच खुले स्कूलों पर सवाल

हादसे के समय राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 25 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश घोषित था। लेकिन, इसके बावजूद कई निजी स्कूल और कोचिंग संस्थान खुले हुए थे। शिक्षा विभाग ने शिविरा पंचांग के निर्देशों का पालन न करने वाले निजी स्कूलों पर भी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।

भविष्य में हादसों से बचने के उपाय

चोमू हादसा न केवल स्कूल और कोचिंग संस्थानों की लापरवाही का परिणाम है, बल्कि यह छात्रों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है। शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं:

  1. वाहनों की नियमित जांच: सभी स्कूल और कोचिंग वाहनों की समय-समय पर फिटनेस जांच अनिवार्य की जाएगी।

  2. सुरक्षा मानकों का पालन: सभी बाल वाहनों में आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं, जैसे सीट बेल्ट, फायर एक्सटिंग्विशर और GPS ट्रैकर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

  3. प्रशिक्षित ड्राइवर: वाहनों के ड्राइवरों को प्रशिक्षित और लाइसेंस प्राप्त होना चाहिए।

  4. आवश्यक कागजात: सभी स्कूल और कोचिंग संस्थानों को अपने वाहनों के कागजात अपडेट और वैध रखने होंगे।

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