शोभना शर्मा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 112वें संस्करण में राजस्थान की ‘कुल्हाड़ी बंद पंचायत’ का उल्लेख किया, जिसने रणथम्भौर जंगल के करौली क्षेत्र को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पहल 32 साल पहले शुरू हुई थी, जब स्थानीय समुदायों ने जंगल की रक्षा के लिए शपथ ली थी कि वे कुल्हाड़ी के साथ जंगल में प्रवेश नहीं करेंगे और पेड़ों की कटाई नहीं करेंगे।
इस पहल का उद्देश्य जंगलों को बर्बाद होने से बचाना था, जो भेड़ों के बढ़ते झुंड और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से प्रभावित हो रहे थे। ‘कुल्हाड़ी बंद पंचायत’ अभियान की शुरुआत टीसी वर्मा के प्रयासों से हुई, जो उस समय करौली के कैलादेवी सेंचुरी में एसीएफ के पद पर तैनात थे। उनके नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने इस पहल का समर्थन किया और जंगल को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हो गए।
इस पहल के परिणामस्वरूप, रणथम्भौर का जंगल, जो तेजी से बर्बाद हो रहा था, चार साल के भीतर फिर से हरा-भरा हो गया। इसने बाघों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध पर्यावरण प्रदान किया। पीएम मोदी ने इस पहल को बाघ संरक्षण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा है।