मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान विधान सभा को सूचना और तकनीकी युग की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजिटलीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के नेतृत्व में “वन नेशन – वन एप्लीकेशन” योजना के तहत सदन को डिजिटल और पेपरलेस बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत 200 विधायकों की सीटों पर आईपेड स्थापित किए गए हैं। अब विधायकगण ऑनलाईन माध्यम से विधान कार्यों का संपादन कर सकेंगे।
नेवा प्रोजेक्ट का परिचय
राजस्थान विधानसभा में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) परियोजना के तहत डिजिटलीकरण किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत विधायकगण को आईपेड और लैपटॉप के माध्यम से विधानसभा से जुड़े कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।नेवा प्रोजेक्ट में भारत सरकार और राज्य सरकार की 60:40 की भागीदारी है। इस परियोजना पर कुल 12.61 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें विधायकगण को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए ई-लर्निंग केंद्र भी स्थापित किया गया है।
डिजिटल विधान सभा की प्रमुख विशेषताएं
आईपेड और लैपटॉप की सुविधा: सदन में प्रत्येक विधायक की सीट पर आईपेड लगाया गया है। इसके अलावा, विधायक आवासों पर लैपटॉप और प्रिंटर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
तकनीकी सहायता: विधान सभा में नेवा सेवा केंद्र की स्थापना की गई है। यह केंद्र विधायकों और कर्मचारियों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
पेपरलेस कार्यवाही: सभी विधान कार्य डिजिटल माध्यम से संचालित होंगे, जिससे कागज की खपत कम होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के अनुसार, विधायकों के लिए ऑनलाईन कार्य प्रणाली को सहज बनाने के लिए सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत व्यावहारिक सत्रों के माध्यम से उन्हें नेवा मॉड्यूल का उपयोग सिखाया जा रहा है।
विधायकगण को दी गई तकनीकी सुविधाएं
प्रत्येक विधायक को उनके आईपेड पर ऑनलाईन कार्यवाही का प्रशिक्षण दिया गया।
लोक सभा सचिवालय और एनआईसी के अधिकारियों ने तकनीकी सहायता प्रदान की।
सदन में आईटी विशेषज्ञ और तकनीकी कर्मचारी विधायकगण को सहायता प्रदान करेंगे।
डिजिटलीकरण का उद्देश्य
डिजिटल विधान सभा का मुख्य उद्देश्य विधान कार्यों को तेज, पारदर्शी और कुशल बनाना है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।