मनीषा शर्मा। राजस्थान में उपचुनाव के माहौल के बीच एक बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है, जो प्रदेश के 90 लाख से अधिक लोगों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़ा है। कांग्रेस नेता और पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर इस मामले पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है।
जूली ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि बीते तीन महीनों से लाखों लोगों को उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। इससे वृद्धों, विधवाओं, विकलांगों और अन्य जरूरतमंद लोगों के जीवनयापन में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। कांग्रेस इसे एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बनाकर सरकार पर दबाव डालने की तैयारी कर रही है, खासकर उपचुनाव के करीब आते हुए।
90 लाख से अधिक लोग प्रभावित
टीकाराम जूली ने अपने पत्र में बताया कि वर्तमान में राजस्थान में 90 लाख से अधिक लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना की शुरुआत 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई थी, जिसमें शुरू में पेंशन राशि 500 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई थी।
2014 से 2018 के बीच इस योजना में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई, लेकिन 2019 में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें बदलाव किया गया। पेंशन राशि को 750 रुपये प्रतिमाह किया गया और 2023 में इसे और बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया, साथ ही हर साल 15% की वृद्धि का प्रावधान भी जोड़ा गया।
कानूनन पेंशन का अधिकार
जूली ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2023 में ‘राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी कानून’ भी पारित किया गया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया कि सभी वृद्ध, विधवा, विकलांग, और एकल महिलाओं को न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन प्रतिमाह दी जाएगी, और इसमें हर साल 15% की वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पेंशन लाभार्थियों का कानूनी अधिकार है और उन्हें हर महीने पेंशन मिलनी चाहिए।
जूली ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि इस कानून के अनुसार सभी पेंशनधारी नियमित रूप से पेंशन पाने के हकदार हैं और इस देरी के कारण लाखों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पेंशन न मिलने से जीवनयापन में परेशानी
कांग्रेस नेता ने कहा कि पेंशन प्राप्त करने वाले अधिकांश लोग समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग से आते हैं। तीन महीने से पेंशन का भुगतान न होने से उनके जीवनयापन में गंभीर परेशानियां उत्पन्न हो गई हैं। यह मुद्दा अब राजनीतिक स्तर पर गंभीर रूप से उठाया जा रहा है, और कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर लापरवाह हो रही है।
राजनीतिक दबाव और उपचुनाव
राजस्थान में जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं, और कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है। टीकाराम जूली के पत्र के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाना चाहती है, ताकि पेंशन योजना में देरी का समाधान हो सके। जूली ने मुख्यमंत्री से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने और प्रभावित लोगों को राहत देने की अपील की है।