मनीषा शर्मा । राजस्थान सरकार ने एक नई योजना को हरी झंडी दी है, जिसके तहत झुंझुनूं सहित राज्य के 6 जिलों की जेलों में पेट्रोल-डीजल पंप खोले जाएंगे। इन पंपों पर तेल भरने का कार्य कैदियों को सौंपा जाएगा, जो लंबी सजा काट रहे हैं। यह नवाचार न केवल सरकार के लिए आय का एक नया स्रोत बनेगा, बल्कि कैदियों को भी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
झुंझुनूं जिला कारागृह के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से जेल परिसर में पेट्रोल पंप खोलने के आदेश प्राप्त हो चुके हैं। अब प्रशासन द्वारा जेल परिसर में पंप स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए और पंप का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
इस योजना के तहत तेल बेचने का कार्य उन कैदियों को सौंपा जाएगा, जो सजा प्राप्त कर चुके हैं और अब खुली जेल में हैं या जिनके भागने की संभावना नहीं है। इन कैदियों का चाल-चलन और चरित्र सही पाया गया है, और वे लंबी सजा काट रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा नियम और कानूनों के तहत ही इन कैदियों को पेट्रोल पंप के कार्य में शामिल किया जाएगा।
इस नवाचार का एक और लाभ यह है कि कैदियों को अब बाहर जाकर मेहनत मजदूरी करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे वे जेल परिसर में ही रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। वर्तमान में झुंझुनूं की खुली जेल में करीब एक दर्जन कैदी हैं, जिन्हें इस कार्य में लगाया जा सकता है। इनमें से अधिकतर कैदी हत्या के आरोप में सजा काट रहे हैं।
सरकार की इस योजना के तहत झुंझुनूं के अलावा चूरू, सीकर, अजमेर, बारां और प्रतापगढ़ जिलों की जेलों में भी पेट्रोल-डीजल पंप खोलने की योजना है। यह कदम कैदियों को रोजगार प्रदान करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।