शोभना शर्मा। कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने महाराष्ट्र में हाल ही में पकड़ी गई बड़ी धनराशि को लेकर सत्ताधारी पार्टी और निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए गंभीर खतरा बताया। पायलट ने दावा किया कि इस धनराशि का इस्तेमाल चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में पकड़ी गई धनराशि पर बयान
सचिन पायलट ने कहा:
“महाराष्ट्र में मतदान से पूर्व इतनी बड़ी धनराशि का पकड़ा जाना यह संदेह पैदा करता है कि इसे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह जानना जरूरी है कि इस पूरी प्रक्रिया में कौन शामिल था और इसके पीछे की मंशा क्या थी।”
उन्होंने निर्वाचन आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।
“ऐसी घटनाओं के बावजूद निर्वाचन आयोग की निष्क्रियता लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। यह न केवल जनता के विश्वास को कमजोर करता है, बल्कि चुनाव की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है।”
किसान आंदोलन और चुनाव पर विचार
सचिन पायलट ने महाराष्ट्र और झारखंड के किसानों की स्थिति पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा:
“मौजूदा सरकार की नीतियों से किसान बेहद परेशान हैं और उन्होंने बदलाव का मन बना लिया है। इन चुनावों में कांग्रेस और उनके गठबंधन को जनता का समर्थन मिलेगा।”
उन्होंने भरोसा जताया कि इन राज्यों में होने वाले उपचुनावों में कांग्रेस की जीत होगी।
समरावता हिंसा की जांच पर सवाल
समरावता हिंसा पर बोलते हुए पायलट ने कहा:
“सरकार ने पहले न्यायिक जांच की बात कही थी, लेकिन अब इसे संभागीय आयुक्त को सौंप दिया गया है। इससे स्पष्ट नहीं होता कि सरकार क्या चाहती है। यह जांच यह सुनिश्चित करने के लिए होनी चाहिए कि इस घटना के पीछे कौन था और इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया या नहीं।”
उन्होंने जोर दिया कि निष्पक्ष जांच से ही जनता का विश्वास बहाल किया जा सकता है।
राजनीतिक हलचल और पारदर्शिता पर सवाल
सचिन पायलट के इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पारदर्शिता और लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे सचेत रहें और आगामी चुनावों में सही निर्णय लें।
“यह समय है कि जनता लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए न्यायपूर्ण फैसला ले।”