मनीषा शर्मा। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने यहां साहित्य, विचारों और संस्कृति के इस महाकुंभ की सराहना की। हालांकि, इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई।
सचिन पायलट ने इस मौके पर महाकुंभ के नाम पर हो रही राजनीति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था व्यक्तिगत विषय हैं और इन्हें दिखावे या राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने आगामी केंद्र सरकार के बजट को लेकर भी सवाल खड़े किए। पायलट ने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से राजस्थान को केंद्र की योजनाओं में अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ताकि यहां की जनता को विकास योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर बोले पायलट – “यह हमारे लिए गर्व की बात है”
सचिन पायलट ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित साहित्य उत्सवों में से एक बन चुका है।
उन्होंने कहा:
“दुनिया में कई लिटरेचर फेस्टिवल होते हैं, लेकिन यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हमारे ही शहर से हुई। हमें इसे और बड़ा बनाने के लिए सहयोग देना चाहिए, क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।”उन्होंने राजस्थान की समृद्ध आर्ट, कल्चर और हेरिटेज पर भी जोर दिया और कहा कि इसे संरक्षित करना बहुत जरूरी है। यह न केवल राजस्थान की पहचान है, बल्कि यहां के युवाओं के लिए रोजगार और निवेश के नए अवसर भी पैदा कर सकता है।
महाकुंभ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए – पायलट
महाकुंभ में हिस्सा लेने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि धर्म और आस्था व्यक्तिगत विषय हैं और इन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा:
“हर व्यक्ति को अपने धर्म और आस्था का पालन करने का पूरा अधिकार है, लेकिन इसे दिखावे और राजनीति से दूर रखना चाहिए।”सचिन पायलट ने अप्रत्यक्ष रूप से उन नेताओं को निशाने पर लिया, जो धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडे के रूप में कर रहे हैं।
“केंद्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभाव कर रही है” – पायलट
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार के आगामी बजट 2025 को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि राजस्थान को अब तक अनदेखा किया गया है।
उन्होंने कहा कि:
- राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जहां 8 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं।
- लेकिन, केंद्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।
- केंद्र की किसी भी बड़ी योजना में राजस्थान को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है।
- नई रेलवे लाइन, राष्ट्रीय परियोजनाएं और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट राजस्थान को नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले बजट में तो वित्त मंत्री ने राजस्थान का नाम तक नहीं लिया था।
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।
“अगर केंद्र सरकार राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देती है, तो यहां के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे में कई लाभ मिलेंगे। इससे निवेश भी बढ़ेगा और विकास की नई राह खुलेगी।”
उन्होंने राजस्थान की भाजपा सरकार से भी अपील की कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाए, ताकि राज्य के विकास में किसी प्रकार की बाधा न आए।
“बीजेपी सरकार को जवाब देना होगा” – सचिन पायलट
राजस्थान विधानसभा सत्र की शुरुआत पर बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायक बीजेपी सरकार से उसके कार्यकाल का हिसाब मांगेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार बनने के बाद बीजेपी ने कई स्कूलों को बंद कर दिया, जिलों का पुनर्गठन किया और कई योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उन्होंने कहा:
“हम सदन में सरकार से जवाब मांगेंगे कि आखिर किन कारणों से राजस्थान के हितों की अनदेखी की जा रही है।”