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लोहागल गांव को मॉडल सौर ग्राम के रूप में विकसित करने की योजना

लोहागल गांव को मॉडल सौर ग्राम के रूप में विकसित करने की योजना

शोभना शर्मा, अजमेर। देश में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और बिजली संकट का समाधान निकालने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत अजमेर जिले के लोहागल गांव को मॉडल सौर ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। योजना के तहत ग्रामीणों को अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वे अपने घरों की ऊर्जा आवश्यकताओं को खुद पूरा कर सकें और बिजली बिल में बचत का लाभ उठा सकें।

लोहागल गांव: मॉडल सौर ग्राम के तौर पर चयन

अजमेर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह के अनुसार, लोहागल गांव को इस योजना के तहत मॉडल सौर ग्राम के रूप में चुना गया है। इस चयन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा के प्रति ग्रामीण समुदायों को जागरूक करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, लोहागल गांव को एक करोड़ रुपये की धनराशि भी प्रदान की जाएगी, जिससे वहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा।

लोहागल गांव का ऊर्जा प्रोफाइल

अधिकारियों के अनुसार, लोहागल गांव में लगभग 5200 की आबादी है और यहां 2015 विद्युत कनेक्शन हैं, जिनका कुल विद्युत लोड 5015 किलोवाट है। इसमें घरेलू, अघरेलू, कृषि, और लघु उद्योग श्रेणी के कनेक्शन शामिल हैं।

  • घरेलू कनेक्शन: 1665 विद्युत कनेक्शन, कुल 2227 किलोवाट लोड।
  • अघरेलू कनेक्शन: 311 विद्युत कनेक्शन, कुल 2578 किलोवाट लोड।
  • पब्लिक स्ट्रीट लाइट: 8 कनेक्शन, 21 किलोवाट लोड।
  • कृषि श्रेणी: 7 कनेक्शन, 35 किलोवाट लोड।
  • लघु उद्योग श्रेणी: 24 कनेक्शन, 188 किलोवाट लोड।

योजना की कार्यप्रणाली और संभावनाएं

इस योजना के तहत गांव में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। लोहागल में सोलर पैनल लगाने की व्यवस्था की जाएगी जिससे हर घर में बिजली की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें सभी संबंधित विभाग शामिल होंगे।

सौर ऊर्जा के अनुकूल मौसम

अजमेर जिले का मौसम सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अनुकूल माना गया है। यहां अधिकतर दिनों में सूर्य की किरणों का पूरा लाभ उठाया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए लोहागल गांव को मॉडल सौर ग्राम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल गांव की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि जिले को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनने का भी अवसर मिलेगा।

बिजली बिल में कमी और अतिरिक्त आय का स्रोत

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे ग्रामीणों को बिजली बिल में कमी आएगी। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत, लोग अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि आम नागरिकों को आर्थिक राहत भी प्रदान करना है।

इसके अलावा, ग्रामीण अपनी छतों पर उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को सरकार या डिस्कॉम को बेच भी सकेंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इससे ग्रामीणों को आर्थिक सुधार का मौका मिलेगा और वे इस योजना से लाभान्वित होंगे।

योजना में सब्सिडी और रियायती लोन का प्रावधान

इस योजना के अंतर्गत, सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी भी प्रदान करेगी, जो सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। इसके अलावा, इस योजना में रियायती बैंक ऋण का प्रावधान भी है, जिससे ग्रामीणों को सोलर पैनल लगाने में कोई आर्थिक बाधा नहीं आएगी।

इस प्रकार, सब्सिडी और रियायती लोन के माध्यम से सरकार इस योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इस योजना का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है।

पर्यावरण संरक्षण में योगदान

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा को अपनाकर न केवल आर्थिक लाभ मिलेंगे बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। सोलर पैनल से उत्पन्न ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल है और इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। सौर ऊर्जा को अपनाने से न केवल बिजली की खपत में कमी आएगी, बल्कि यह नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने का एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत लोहागल गांव को मॉडल सौर ग्राम के रूप में विकसित करने का यह प्रयास एक प्रेरणादायक कदम है। इस योजना से न केवल ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। देश में बिजली की खपत को कम करना और ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से लोहागल गांव सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकेगा और अन्य गांवों के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा।

ये देखना  दिलचस्प होगा की अजमेर  प्रशासन इस जनकल्याणकारी योजना को कितनी सफलता से लागू कर पता है।

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