शोभना शर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50वें G7 समिट के लिए इटली में हैं, जहां उन्होंने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं। शुक्रवार को पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इसके बाद मोदी ने वैटिकन सिटी के प्रमुख पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री G7 की आउटरीच बैठक में भी शामिल हुए।
इससे पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। रूस-यूक्रेन जंग के बीच सबसे महत्वपूर्ण चर्चा पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई। मुलाकात के दौरान दोनों नेता गले लगे और फिर द्विपक्षीय बैठक हुई। यह दूसरा मौका है जब मोदी और जेलेंस्की जंग शुरू होने के बाद मिले हैं। इससे पहले दोनों ने पिछले साल जापान में G7 समिट में मुलाकात की थी। पीएम मोदी लगातार 5वीं बार G7 समिट में शामिल हुए हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इटली में मीडिया से बातचीत में कहा कि पुतिन का ‘सीजफायर ऑफर’ एक ‘अल्टीमेटम’ है और पुतिन की डिमांड पूरी होने के बावजूद वह यूक्रेन में जंग नहीं रोकेंगे। G7 के आउटरीच सेशन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले साल G20 समिट के दौरान पीएम मोदी की तरफ से AI को लेकर की गई पहल की सराहना की। इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने भी कहा कि G7 समूह पश्चिमी देशों को दुनिया के खिलाफ मानने वाले नरेटिव को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
मेलोनी ने कहा कि G7 के मुद्दों में भूमध्यसागर और अफ्रीकी कॉन्टिनेंट को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, हमें क्लाइमेट चेंज जैसे बड़े मुद्दों से भी मिलकर निपटना होगा। मेलोनी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है और हमें इसके विकास और खतरों पर ध्यान देना होगा। G7 में मैक्रों और मेलोनी के बीच गर्भपात के अधिकार पर बहस भी हुई। मैक्रों ने G7 के जॉइंट स्टेटमेंट में गर्भपात के अधिकार का मुद्दा उठाने की मांग की, लेकिन मेलोनी ने इसे चुनावी राजनीति का मंच न बनाने का आग्रह किया।
रूस-यूक्रेन जंग के बीच, पीएम मोदी ने G7 समिट के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। उन्होंने भारत के रुख को दोहराया कि किसी भी विवाद का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है।