मनीषा शर्मा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की प्लेटिनम जुबली के समापन समारोह में कहा कि दशकों से न्याय प्रक्रिया में देरी और जटिलता के कारण “कोर्ट का चक्कर” एक आम बात हो गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम नागरिकों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। मोदी ने जोर दिया कि न्याय हमेशा सरल और स्पष्ट होता है, लेकिन प्रक्रियाएं उसे जटिल बना देती हैं।
उन्होंने बताया कि देश में 18,000 से अधिक कोर्ट्स कंप्यूटराइज्ड हो चुकी हैं, और 26 करोड़ से ज्यादा मुकदमों की जानकारी एक सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इसके साथ ही, 3,000 से ज्यादा कोर्ट परिसर और 1,200 से ज्यादा जेलें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी हैं।
मोदी ने भारतीय न्याय संहिता के अडॉप्शन और अप्रासंगिक औपनिवेशिक कानूनों को खत्म करने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने राष्ट्रीय एकता और न्याय की प्राथमिकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसे जारी रखना आवश्यक है। उन्होंने हर नागरिक के लिए सरल, सुलभ और सहज न्याय की गारंटी की आवश्यकता पर जोर दिया।