PM Modi Mann ki Baat : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज यानी रविवार (25 अगस्त) को सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ कार्यक्रम (Mann Ki Baat) में लोगों से बात की। रेडिया पर प्रसारित होने वाला का इस कार्यक्रम का यह 113वां एपिसोड (Mann Ki Baat 113th episode) है। इस दौरान पीएम मोदी ने अंतरिक्ष जगत से जुड़े युवाओं से बात की। उन्होंने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (First National Space Day) और चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को लेकर भी बात की।
पीएम मोदी बोले-हमने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा- 23 अगस्त को राष्ट्र ने चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाते हुए पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। पिछले साल इसी दिन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी भाग शिव-शक्ति बिंदु पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी।
विकसित भारत की नींव मजबूत हो रहा
पीएम मोदी ने कहा आज एक बार फिर देश की उपलब्धियों की बात होगी। देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों की। 21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है।
हर घर तिरंगा अभियान…अपने पूरे शिखर को प्राप्त कर लिया
पीएम मोदी ने कहा कि हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा अभियान ने अपने पूरे शिखर को प्राप्त कर लिया है। देशभर से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों के ऊपर, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी तिरंगा फहराते देखा। कुछ लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों, लोगों ने अपने डेस्कटॉप, मोबाइल और वाहनों पर भी तिरंगा फहराया। जब लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हाथ मिलाते हैं, तो यह किसी भी अभियान को अद्वितीय गौरव प्रदान करता है।
युवाओं की एक बड़ी संख्या राजनीति में आने के लिए उत्सुक
पीएम मोदी ने कहा-इस वर्ष लाल किले से मैंने एक लाख ऐसे युवाओं से राजनीतिक व्यवस्था से जुड़ने का आग्रह किया है, जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं। मेरी इस बात को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इससे हमें पता चलता है कि हमारे युवाओं की एक बड़ी संख्या राजनीति में आने के लिए उत्सुक है।
उन्हें बस सही अवसर और सही मार्गदर्शन की तलाश है। इस विषय पर मुझे देशभर के युवाओं से पत्र भी मिले हैं। सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। लोगों ने मुझे कई तरह के सुझाव भेजे हैं। कुछ युवाओं ने अपने पत्रों में लिखा है कि उनके लिए यह सचमुच अकल्पनीय है। अपने दादा या माता-पिता की ओर से कोई राजनीतिक विरासत न होने के कारण वे चाहते हुए भी राजनीति में नहीं आ सके।