प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च 2024 को अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग का उद्घाटन किया। यह दुनिया की सबसे ऊंचाई (13,500 फीट) पर बनी सबसे लंबी (11.84 किलोमीटर) सुरंग है। यह सुरंग तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों को जोड़ती है और एलएसी तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है।
टनल की जरूरत क्यों?
सेला दर्रे पर वर्तमान में, भारतीय सेना के जवान और क्षेत्र के लोग तवांग पहुंचने के लिए बालीपारा-चारीदुआर रोड का उपयोग कर रहे हैं। सर्दी के मौसम में अत्यधिक बर्फबारी के कारण सेला दर्रे में भयंकर बर्फ जम जाती है। इससे रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। साथ ही, दर्रे पर 30 मोड़ आते हैं, जो बहुत ही घुमावदार हैं। इस कारण यहां आवाजाही पर पूर्ण रूप से बाधित हो जाती है। इस दौरान पूरा तवांग सेक्टर देश के बाकी हिस्सों से कट जाता है। सेला दर्रा सुरंग मौजूदा सड़क को बायपास करेगी और यह बैसाखी को नूरानंग से जोड़ेगी।
खास है प्रोजेक्ट
- सेला टनल 13,500 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर दो लेन में बनी दुनिया की सबसे बडी सुरंग होगी
- अरुणाचल प्रदेश के तवांग और वेस्ट कामेंग जिलों को जोड़ेगा टनल 1 और टनल 2
- टनल की कुल लंबाई है 11.84 किलोमीटर है
- 1591 मीटर का ट्विन ट्यूब चैनल हो रहा है तैयार। दूसरी सुरंग 993 मीटर लंबी है।
- टनल 2 में ट्रैफिक के लिए एक बाई-लेन ट्यूब और एक एस्केप ट्यूब बनाया गया है। मुख्य सुरंग के साथ ही इतनी ही लंबाई की एक और सुरंग बनाई गई है, जो किसी आपातकालीन समय में काम आएगी।
- पूरी तरह स्वदेशी और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं टनल। टनल पर बर्फबारी का कोई असर नहीं होगा।
- प्रॉजेक्ट के तहत दो सड़कें (7 किलोमीटर और 1.3 किलोमीटर) भी बनाई गई हैं।
- टनल के उद्घाटन के साथ ही छह किलोमीटर की दूरी होगी कम
- डेढ़ घंटे के समय की होगी बचत
रणनीतिक महत्व:
- यह सुरंग तवांग सेक्टर में भारतीय सेना की गतिशीलता और तैनाती को बेहतर बनाती है।
- यह चीन की सीमा पर गतिरोध के दौरान सेना को तेजी से सैनिकों और उपकरणों को स्थानांतरित करने में मदद करता है।
- यह सुरंग एलएसी पर भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करती है।
आर्थिक महत्व:
- यह सुरंग तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
- यह क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
- यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगा।
विशेषताएं:
- यह सुरंग पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके बनाई गई है।
- यह सुरंग हर मौसम में खुली रहेगी।
- सुरंग में आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए एक बाईपास सुरंग भी है।