शोभना शर्मा। अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में संदिग्ध ड्रोन मिलने की घटना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। यह घटना सोमवार सुबह हुई, जब जेल कैंपस में एक सफाईकर्मी ने ड्रोन को एक कोने में पड़ा पाया। ड्रोन मिलने की खबर से जेल प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामले की जांच के लिए सिविल लाइन थाना पुलिस को बुलाया गया और ड्रोन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
कैसे मिला संदिग्ध ड्रोन?
जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे सफाईकर्मी को यह ड्रोन कैंपस के एक कोने में मिला। इसकी जानकारी तुरंत जेल प्रशासन को दी गई। उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया, और ड्रोन को पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस बात की जांच की जा रही है कि ड्रोन जेल में कैसे पहुंचा और इसका उद्देश्य क्या था।
अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल की स्थिति
अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में कुल 88 सेल हैं, जिनमें लगभग 145 हार्डकोर अपराधियों को रखा गया है। यह जेल राजस्थान की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक है, जहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जेल प्रशासन किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर निगरानी रखते हुए समय-समय पर सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव करता है।
कौन-कौन से अपराधी हैं इस जेल में?
अजमेर जेल में देश के कुख्यात अपराधियों को रखा गया है। इनमें लॉरेंस बिश्नोई का भांजा सचिन थापन, जयपुर में जी क्लब फायरिंग का आरोपी रितिक बॉक्सर, गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपी रोहित राठौड़ और नितिन फौजी, और मूसेवाला हत्याकांड में शामिल कपिल पंडित शामिल हैं। ये सभी अपराधी जेल में अलग-अलग समूहों में रहते हैं और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है।
सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां
ड्रोन मिलने की घटना हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जेल के ऊपर से ड्रोन के गुजरने और कैंपस के अंदर गिरने की घटना सुरक्षा में चूक का संकेत देती है। यह जांच का विषय है कि ड्रोन के जरिए किसी अपराधी तक कोई संदेश या सामग्री पहुंचाने की कोशिश तो नहीं की गई।
जेल प्रशासन का कहना है कि इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा। साथ ही, जेल के अंदर कैदियों की गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पुलिस जांच में क्या होगा फोकस?
सिविल लाइन थाना पुलिस ने ड्रोन को कब्जे में लेकर इसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि ड्रोन को कौन चला रहा था, यह कहां से आया, और इसका उद्देश्य क्या था। साथ ही, ड्रोन में लगे उपकरणों की तकनीकी जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कैमरा, मैसेजिंग डिवाइस या अन्य कोई संवेदनशील सामग्री तो नहीं थी।