श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। शनिवार देर रात पुलिस ने गांव माझीवाला के पास 17 एस में एक खेत से दो किलो 79 ग्राम हेरोइन बरामद की है। हेरोइन को पाकिस्तानी ड्रोन के जरिए गिराए जाने का संदेह जताया जा रहा है, जिससे श्रीकरणपुर क्षेत्र में ड्रोन द्वारा हेरोइन की तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। बरामद की गई हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
जिला पुलिस और डीएसटी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में मादक पदार्थ तस्करी की गतिविधियां चल रही हैं। इसके बाद एसपी गौरव यादव के निर्देश पर डीएसपी संजीव चौहान ने अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचकर खेत में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। काफी देर तक खोजबीन के बाद, पुलिस ने खेत में कुछ संदिग्ध पैकेटों को बरामद किया। इन पैकेटों को जब खोलकर देखा गया, तो उनमें से हेरोइन निकली। पुलिस का मानना है कि यह ड्रोन द्वारा पाकिस्तान से गिराई गई है और इसे स्थानीय तस्करों तक पहुंचाना था।
सर्च ऑपरेशन में पुलिस की तत्परता
श्रीकरणपुर के गांव 17 एस और आसपास के गांवों में रातभर चले सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने बड़ी ही सतर्कता से कार्य किया। हालांकि इस दौरान कोई संदिग्ध व्यक्ति पकड़ा नहीं गया, परंतु पूरे क्षेत्र में निगरानी और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। श्रीकरणपुर क्षेत्र में लगातार ड्रोन द्वारा हेरोइन तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं, जिसे देखते हुए पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त टीमें इलाके में लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।
पिछले कुछ महीनों में हेरोइन बरामदगी के मामले
श्रीगंगानगर जिले में यह पहली बार नहीं है कि इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई हो। पिछले दस महीनों में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहाँ पुलिस और बीएसएफ ने हेरोइन की बड़ी खेप बरामद की है।
- 10 जनवरी को केसरीसिंहपुर के गांव एक आर में पांच पैकेटों में पांच किलो हेरोइन मिली थी।
- 15 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने छह किलो हेरोइन बरामद की थी।
- 19 जनवरी को बीएसएफ ने ड्रोन के जरिए तस्करी की जा रही छह किलो हेरोइन को फायर कर गिराया था।
- 8 मार्च को गांव मटीलीराठान के चक एक क्यू में किसान कश्मीर सिंह के खेत से साढ़े तीन किलो हेरोइन मिली थी।
- 2 मई को गजसिंहपुर इलाके में नहर की एक पुलिया पर दस करोड़ रुपये की हेरोइन पकड़ी गई थी।
- 10 जून को गांव 79 एनपी में खेत में तीन किलो हेरोइन मिली थी।
इन घटनाओं से पता चलता है कि श्रीगंगानगर जिले में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन की तस्करी एक आम समस्या बनती जा रही है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां इसको लेकर अत्यधिक सतर्क हो गई हैं, लेकिन इसके बावजूद भी तस्करी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
ड्रोन द्वारा तस्करी पर बढ़ता खतरा
बीते कुछ सालों में ड्रोन तकनीक का उपयोग मादक पदार्थ तस्करी के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। पाकिस्तान से आए ड्रोन के जरिए हथियार, मादक पदार्थ और अन्य अवैध वस्तुएं भारतीय सीमाओं में प्रवेश कराई जा रही हैं। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बावजूद भी ड्रोन का पता लगाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि ये ड्रोन उच्च तकनीक से लैस होते हैं और सीमा पर लगे रडार इन्हें तुरंत पकड़ नहीं पाते। एसपी गौरव यादव का कहना है कि पुलिस ड्रोन तस्करी से निपटने के लिए विशेष रणनीति बना रही है। सीमा क्षेत्र में ड्रोन रोधी उपकरणों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर तस्करी के इस नए तरीके को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
स्थानीय पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त रणनीति
पुलिस ने ड्रोन द्वारा मादक पदार्थ तस्करी पर काबू पाने के लिए बीएसएफ के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है। इस रणनीति के तहत ड्रोन रोधी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा और संवेदनशील इलाकों में चौकसी बढ़ाई जाएगी। बीएसएफ ने पहले भी कई बार ड्रोन से हेरोइन और हथियार तस्करी के मामलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया है। इसके अलावा, स्थानीय किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है कि अगर उनके खेतों में कोई संदिग्ध पैकेट या सामग्री मिलती है, तो इसकी तुरंत सूचना पुलिस को दी जाए। स्थानीय निवासियों को भी इस बारे में सतर्क किया जा रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्र में कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो उसकी जानकारी तुरंत प्रशासन को दी जाए।