मनीषा शर्मा। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं को समय पर और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब परीक्षाएं TBT (टैबलेट बेस्ड टेस्ट) मोड पर आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है। इस प्रक्रिया को लागू करने से पहले जयपुर में एक मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सुरक्षा और पारदर्शिता की जांच की जाएगी।
TBT मोड क्यों है जरूरी?
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज के अनुसार, नकल और धांधली रोकने के लिए टैबलेट आधारित परीक्षा प्रणाली (TBT) को अपनाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में परीक्षा आयोजित की जाती है, लेकिन सरकारी परीक्षा केंद्रों में बड़ी संख्या में कंप्यूटर की कमी है। ऐसे में टैबलेट मोड एक प्रभावी और किफायती विकल्प हो सकता है।
मॉक टेस्ट का आयोजन
नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में जयपुर में मॉक टेस्ट आयोजित किया जाएगा।
- इस मॉक टेस्ट में चार पारियों में कुल 400 छात्रों को शामिल किया जाएगा।
- परीक्षा की प्रक्रिया को चुनौती देने के लिए आईआईटी कानपुर और देश के शीर्ष हैकर्स की दो टीमें इसमें भाग लेंगी।
- हैकर्स यदि सिस्टम को क्रैक करने में सफल होते हैं, तो TBT प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाएगा।
परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
TBT प्रक्रिया में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड और MNIT जयपुर की टीम मौजूद रहेगी। मॉक टेस्ट के परिणाम के आधार पर टैबलेट मोड पर परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया जाएगा।
भविष्य की योजना: टैबलेट और टेंडर प्रक्रिया
यदि टैबलेट बेस्ड टेस्ट प्रणाली सफल होती है, तो कर्मचारी चयन बोर्ड इसे छोटी भर्ती परीक्षाओं में लागू करेगा।
- टैबलेट्स टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से जिला स्तर पर मंगवाए जाएंगे।
- छात्रों को टैबलेट पर प्रश्न पत्र दिखाया जाएगा और वे ओएमआर शीट पर अपने उत्तर देंगे।
सरकारी संस्थानों में कंप्यूटर की कमी
- राजस्थान के सरकारी परीक्षा केंद्रों में पर्याप्त संख्या में कंप्यूटर उपलब्ध नहीं हैं, जिससे ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करना चुनौतीपूर्ण है।
- निजी संस्थानों पर निर्भरता विश्वसनीयता के कारण सीमित है।
- टैबलेट मोड से इन चुनौतियों का समाधान हो सकता है।
नकल माफिया पर सख्ती
मॉक टेस्ट में नकल माफिया के तौर पर विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा ताकि इस प्रक्रिया की कमजोरी उजागर हो सके। यह सुनिश्चित करेगा कि TBT प्रणाली नकल और धांधली को रोकने में कितनी प्रभावी है।
TBT मोड के फायदे
- पारदर्शिता: नकल और पेपर लीक की घटनाओं को रोकने में मदद।
- समयबद्धता: परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित हो सकेंगी।
- किफायती: कंप्यूटर की कमी को पूरा करने का बेहतर विकल्प।
- सुरक्षा: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रश्न पत्र की गोपनीयता।
- तकनीकी उन्नति: राजस्थान की परीक्षा प्रणाली में आधुनिक तकनीकों का समावेश।
TBT मोड राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने का एक अभिनव प्रयास है। मॉक टेस्ट इस नई प्रक्रिया की ताकत और कमजोरियों का आकलन करेगा। यदि यह प्रक्रिया सफल होती है, तो यह न केवल समयबद्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि नकल माफिया और धांधली जैसी समस्याओं को भी समाप्त करेगी।