शोभना शर्मा। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने देशभर में नए जिलों, तहसीलों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों के निर्माण पर लगी रोक हटा ली है, जिससे अब राजस्थान में गहलोत सरकार के तहत बनाए गए छोटे जिलों को खत्म करने का रास्ता साफ हो गया है। 31 दिसंबर 2024 तक नए जिले, तहसील, और गांव बनाने और उनकी बाउंड्री में बदलाव की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले, 1 जुलाई से जनगणना की वजह से इन पर रोक लगी थी, जो अब हटा ली गई है।
इस निर्णय के बाद, राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार गहलोत राज में बनाए गए 19 छोटे जिलों को खत्म करने और सीमाओं में बदलाव करने का फैसला ले सकती है। गहलोत सरकार के समय में बने इन छोटे जिलों के खत्म होने की अटकलें पहले से ही चल रही थीं, लेकिन जनगणना की वजह से यह प्रक्रिया रुकी हुई थी।
जनगणना की रोक हटने से बढ़े फैसले के आसार
मंगलवार को जनगणना रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, देशभर के लिए प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने की अंतिम तारीख अब 31 दिसंबर कर दी गई है। इसके बाद, 1 जनवरी 2025 से दोबारा प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी।
राजस्थान में गहलोत राज के दौरान बनाए गए छोटे जिलों के संबंध में अब सरकार कैबिनेट में बड़े फैसले ले सकती है। सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गठित मंत्रीस्तरीय समिति, जिसका संयोजन मदन दिलावर कर रहे हैं, जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। रिपोर्ट मिलने के बाद इन जिलों के भविष्य पर कैबिनेट फैसला लेगी।
इस साल नहीं होगी जनगणना
इस निर्णय के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि इस साल जनगणना नहीं होगी। 1 जनवरी 2025 से प्रशासनिक इकाइयां फ्रीज कर दी जाएंगी, जिससे यह संभावना बनती है कि जनगणना अगले साल ही होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने पहले जनगणना जल्द होने के संकेत दिए थे, लेकिन अब यह कुछ महीनों के लिए टल गई है।
जनगणना रोक हटने के बाद, राज्य सरकार को जिलों, तहसीलों और गांवों की सीमाओं में बदलाव करने की छूट दी गई है, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।