latest-newsजैसलमेरराजस्थान

रामदेवरा मेला 2024: मिनी कुंभ में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की उपस्थिति

रामदेवरा मेला 2024: मिनी कुंभ में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की उपस्थिति

शोभना शर्मा।  राजस्थान के जोधपुर संभाग में स्थित रामदेवरा कस्बा इन दिनों मिनी कुंभ जैसा नजारा पेश कर रहा है। रामदेवरा मेला 2024 में बाबा रामदेव के दर्शन के लिए हर साल की तरह इस बार भी लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे हैं। 5 सितंबर से शुरू हुए इस मेले में अब तक 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। मेला 14 सितंबर तक चलेगा, और भक्तों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।

पैदल और दंडवत यात्रा की अनोखी भक्ति

रामदेवरा मेला विशेष रूप से बाबा रामदेव के प्रति गहरी आस्था को दर्शाता है। भक्त विभिन्न प्रकार की यात्राएं करके यहां पहुंचते हैं—कोई पैदल आता है, कोई साइकिल से, और कुछ भक्त दंडवत करते हुए बाबा की समाधि के दर्शन करने आते हैं। गुजरात के पावागढ़ से 800 किलोमीटर की यात्रा करने वाले संदीप जैसे भक्त पिछले 12 वर्षों से लगातार इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र के अमरावती से 1300 किलोमीटर साइकिल पर सवार होकर पहुंचे पूनमचंद पंचारिया इस यात्रा को हर साल निभाते हैं।

इस मेले में कई भक्त बाबा को चढ़ाने के लिए प्रतीकात्मक घोड़े लेकर आते हैं। जोधपुर से आए 60 किलोमीटर का कपड़े का घोड़ा लेकर पहुंचे भक्तों का संघ पिछले 10 सालों से इस अनोखी परंपरा को निभा रहा है। असली घोड़ा चढ़ाने की परंपरा भी कुछ सालों से शुरू हुई है, जिसे भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर बाबा को अर्पित करते हैं।

लाखों श्रद्धालुओं के लिए भंडारा और व्यवस्थाएं

रामदेवरा मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाबा रामदेव समाधि समिति द्वारा संचालित सबसे बड़ा राम रसोड़ा प्रतिदिन 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन करवा रहा है। इस पूरे मेले के दौरान लाखों लोग यहां निशुल्क भोजन का आनंद उठा चुके हैं। इसके अलावा, ‘हरी ओम अन्नक्षेत्र सोसायटी’ और ‘फतेहाबाद धर्मशाला’ जैसे सामाजिक संगठन भी श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे चलने वाले भंडारे की सेवा दे रहे हैं।

अखंड ज्योत का महत्व और काजल की मान्यता

रामदेवरा की अखंड ज्योत की मान्यता भी बाबा रामदेव के भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है। 640 साल से जलती आ रही इस ज्योत से बने काजल को श्रद्धालु अपनी आंखों की बीमारी ठीक करने के लिए प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। बाबा रामदेव की समाधि पर आने वाले भक्तों के लिए यह काजल खास प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

मेले की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं

मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, इसलिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था की है। मंदिर 22 घंटे खुला रहता है ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी भी तरह की परेशानी न हो। पानी, छांव, और पंखों की उचित व्यवस्था भी की गई है। साथ ही, पुलिस और सफाईकर्मियों के लिए मुफ्त दवाइयां भी वितरित की जा रही हैं, ताकि मेले के दौरान किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े।

बाबा रामदेव: समानता और भक्ति का संदेश

बाबा रामदेव जी को समाज सुधारक के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने 640 साल पहले समाज में समानता और भक्ति का संदेश दिया, जिसके कारण वे हर समाज और वर्ग के लोगों की आस्था का केंद्र बन गए। रामदेवरा मेला उनके प्रति इस गहरी आस्था का प्रतीक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading